#UriAttack : कुर्बानी पर गर्व, हौसले पर फक्र

कश्मीर। उरी हमले में शहीद हुए जवानों को आज आखिरी अलविदा कहा जा रहा है। इस हमले में किसी ने अपना भाई खोया, तो किसी ने अपना बेटा, पति और पिता खोया। लेकिन इतनी बड़ी कुर्बानी देने के बाद भी देश में शहीदों के परिवारवालों को अफसोस नहीं है। उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनके अपने देश के काम आए। हमले में शहीद गया के नायक एसके विद्यार्थी की तीन बेटियां आरती, अंशु और अंशिका ने हौसले की मिसाल कायम की। मां का रो-रोकर बुरा हाल था लेकिन इस दुख के वक्त में भी बेटियों ने स्कूल जाकर परीक्षा देने का फैसला लिया। शहीद एसके विद्यार्थी की बेटी ने कहा कि मैं आईआईटी दिल्ली में पढ़ना चाहती थी, लेकिन अब मेरा ये सपना शायद पूरा न हो पाए।

शहीद जवान हरेन्द्र यादव पार्थिव शरीर सोमवार देर रात उनके पैतृक गांव देवपुरा पहुंचा। देश के लिए जान देने वाले गाजीपुर के लाल के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने के लिए आधी रात को घर पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी थी। पार्थिव शरीर लेकर हरेंद्र के गांव पहुंचे सेना के जवानों ने जब बुजुर्ग पिता को सलामी दी तो उन्होंने आंसुओं की धार के बीच जय हिन्द कहने के साथ भारत माता की जय का उद्घोष किया।

शहीद गणेश शंकर यादव उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर के रहने वाले हैं। वो अपनी बहन की शादी में शरीक होने के लिए घर आने वाले थे। लेकिन अफसोस ऐसा हो न सका। अपने पति को खो चुकी शहीद शंकर की पत्नी का हौसला अभी भी नहीं टूटा। वो चाहती हैं कि उनका बेटा भी बड़ा होकर आर्मी में भर्ती हो और अपने पिता के मिशन को पूरा करे।

बिहार के कैमूर जिले के शहीद सिपाही राकेश सिंह के भाई ने कहा कि मेरा भाई देश के लिए शहीद हो गया। हमें बिल्कुल भी अफसोस नहीं है। जितना गर्व हमें शहीदों पर है उतना ही गर्व हमें उनके परिवार वालों पर भी है।

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