
नई दिल्ली। 500 और 1000 नोट बंद के ऐलान ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। देश में आर्थिक क्रान्ति के जनक कहे जाने वाले अनिल बोकिल ने प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम की सराहना की। इस कदम को सही ठहराते हुए इन्होने भविष्य में 3000 से अधिक कैश से अधिक के लेनदेन के बंद होने की बात कही। बता दें कि इन्होने ही पीएम मोदी को 500 और 1000 के नोट बंद करने का सुझाव दिया था।
500 और 1000 नोट बंद का सुझाव
ख़बरों के मुताबिक़ अनिल बोकिल की टीम का मानना है कि भविष्य में अधिकांश कारोबार कार्ड व चेक से किए जाने लगेंगे।
कैश लेन-देन के लिए सरकार लगभग तीन हजार तक की सीमा तय कर सकती है। मोदी सरकार के कदम इसी इरादे से ई-बैंकिंग क्रांति की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़े नोट बंद करने का सुझाव महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी व मैकेनिकल इंजीनियर अनिल बोकिल ने ही दिया था।
ख़बरों के मुताबिक़ अनिल बोकिल का कहना है कि देश में इंपोर्ट ड्यूटी छोड़कर सभी तरह के टैक्स खत्म कर देने चाहिए।
सरकार को सिर्फ मनी ट्रांजेक्शन टैक्स प्राप्तकर्ता पर दो फीसद तक लगाना चाहिए। इससे मौजूदा टैक्स नीति से होने वाली आय से 25 फीसद से अधिक आय कर के रूप में आएगी। इससे कोई भी टैक्स चोरी नहीं कर पाएगा।
50 या 100 रुपए से बड़े सभी नोट बंद कर देने चाहिए। इससे भ्रष्टाचार व अपराध खत्म हो जाएगा। कैश ट्रांजेक्शन पर कोई टैक्स नहीं होना चाहिए। कैश इस्तेमाल की लिमिट 3000 रुपये तक सीमित की जानी चाहिए।
अनिल बोकिल की टीम इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से भी मिली थी। इसके बाद 2011-12 के दौरान बाबा रामदेव, श्रीश्री रविशंकर व अन्ना हजारे से भी मिले थे। इन सभी ने बोकिल के प्रस्ताव का अनुमोदन किया था।
अनिल बोकिल की 11 सदस्यीय टीम के अहम सदस्य आदर्श धवन के अनुसार, हाल ही में जारी दो हजार रुपए के नोट भी बाद में बंद किए जा सकते हैं।
उनका कहना है कि अब अमेरिका जैसे देशों की तर्ज पर ई-बैंकिंग से अधिकांश कारोबार होंगे। देश में कुल नकद राशि का करीब 86 फीसद नोट 500 व एक हजार रुपए के हैं।