नोटबंदी की वजह से बुजर्ग की मौत, अब चुकाने होंगे 50 लाख!
नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले के बाद तीन दिनों तक लाइन में खड़े रहने के बावजूद पुराने नोटों को बदलवाने में नाकाम रहने पर हाथरस के एक बुजुर्ग की कथित मौत हो गई। इस बात से नारा परिजन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 70 वर्षीय मृतक सियाराम के बेटे कन्हैया ने 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि हाथरस के गांव हाजारी निवासी सियाराम के पास एक हजार और छह 500-500 के नोट थे। गत 8 नवंबर को केंद्र सरकार द्वारा 500-1000 के नोटबैन के बाद सियाराम भी 15 नवंबर को नोट बदलने के लिए बैंक गए थे। बैंक में लंबी लाइन थी। लिहाजा वह नोट बदलवाने में असफल रहे। अगले दिन भी वह लाइन में लगे, लेकिन उस दिन भी उन्हें असफलता ही मिली।
याचिका में कहा गया कि 17 नवंबर को भी सियाराम फिर कतार में लगा था और दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे उसकी तबियत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। परिवारवालों का एक कहना था कि सियाराम की आमदनी से ही पूरे परिवार को गुजारा होता था। याचिका में कहा कि गया है सरकार की ओर से उचित इंतजाम न होने की वजह से सियाराम की मौत हुई। याचिका में परिजन ने 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की गई है।