अगले साल नहीं दिखेगा मंदी का असर , अर्थव्यवस्था में होगा सुधार

कारोबारी दुनिया में कुछ समय पहले मंदी के दौर चल रहा था।  देखा जाए तो बड़ी से बड़ी कंपनिया बंद होने की कगार पर थी। वहीं सरकार का कहना हैं की इस साल विकास दर काफी सुस्त सी नज़र आई है।
खबरों की माने तो कोर सेक्टर और जीडीपी के आंकड़े इस साल काफी निराशाजनक है।  जहां कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डीके अग्रवाल का कहना हैं की ये काफी अल्पकालिक है।
देखा जाए तो नए श्रम काननू में प्रावधान किया गया है कि यदि कोई उद्यमी एक साल के लिए फिक्स्ड टर्म इंप्लायमेंट पर किसी को रखता है।
वहीं अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर जो खींचतान चल रही है, जहां उससे हम क्या पूरी दुनिया के देश प्रभावित हुए हैं। लेकिन इन सबका समन्वित असर हमारे कोर सेक्टर के आंकड़ों पर दिखा है।
दरअसल लघु उद्यमियों के लिए तो अभी भी फंड की दिक्कत है। जहां इस समय बेहतर मतलब ‘ए और एए’ रेटिंग वाली कंपनियों को छोड़ दें तो अन्य कंपनियों को कर्ज पाने में दिक्कत हो रही है। लघु उद्यमियों में अधिकतर कंपनियां इस शर्त को पूरा नहीं कर पाती हैं, इसलिए उन्हें बैंकों से ऋण नहीं मिल पाता है।
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