48 घंटों से किसानों का धरना जारी, नहीं पहुंचा कोई अधिकारी, जनप्रतिनिधि

बांदा। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भले ही किसान हितैषी होने का दावा कर रही हो, लेकिन किसानों के प्रति अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा बांदा जिले के जसपुरा विद्युत वितरण उपखंड में पिछले 48 घंटों से चल रहे किसानों के बेमियादी धरने से लगाया जा सकता है।

उप्र : 48 घंटों से किसानों का धरना जारी, नहीं पहुंचा कोई अधिकारी, जनप्रतिनिधि

बिजली समस्या के निदान की मांग को लेकर जिलाधिकारी की कार्यशैली से गुस्साए पैलानी व जसपुरा क्षेत्र के एक दर्जन गांवों के करीब 500 किसान पिछले 48 घंटों से जसपुरा विद्युत वितरण उपखंड (सब पावर हाउस) में बेमियादी धरना दे रहे हैं। इन दो दिनों में कोई भी अधिकारी उनकी समस्या जानने तक नहीं पहुंचा है। साथ ही किसी जनप्रतिनिधि ने भी वहां पहुंचने की जहमत नहीं उठाई है।

धरना दे रहे सभी किसान जिलाधिकारी की तीन दिन के मोहलत की वादाखिलाफी से बेहद नाराज हैं और उन्होंने बिजली के लो वोल्टेज में सुधार न होने पर आर या पार की जंग का ऐलान किया है।

सिंधनकलां गांव के किसान अरविंद तिवारी ने मंगलवार को बताया, “सूखा पड़ा हुआ है, 24 घंटे में चार या पांच घंटे ही लो वोल्टेज की बिजली मिल रही है। लो वोल्टेज की वजह से निजी नलकूपों की मोटर खराब हो रही है। फिर भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं।”

उन्होंने कहा, “जिलाधिकारी जैसे अति संवेदनशून्य अधिकारी ज्यादा दिन तक जिले में तैनात रहे तो हम किसानों के बच्चे भूखों मर जाएंगे, हम किसी लायक नहीं रहेंगे। किसान भीख तो मांग नहीं सकते, खेती-किसानी के अलावा बाल-बच्चों को जिंदा रखने का अन्य कोई जरिया नहीं है।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसान मोर्चा के अध्यक्ष सूर्यपाल सिंह चौहान ने कहा, “धरने के 48 घंटे बीत चुके हैं, अब किसानों का सब्र टूटता जा रहा है। दोपहर बाद किसान सड़क जाम कर अपने तरीके का आंदोलन करेंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिलाधिकारी की होगी।”

बुंदेलखंड किसान यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार किसान हितैषी होने का सिर्फ ढोंग कर रही है। 48 घंटे से किसान ठंड में भी दिन-रात धरना दे रहे हैं, लेकिन अधिकारी या जनप्रतिनिधियों का वहां न पहुंचना बेहद शर्मनाक है।

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वहीं जिलाधिकारी हीरालाल ने कहा, “किसानों का धरना मेरे संज्ञान में है। चूंकि वहां पुरानी विद्युत लाइन है, इस वजह से लोड बढ़ रहा है। इस समय लाइन बनाने की प्रक्रिया चल रही है। मैंने विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता से बात की है, बहुत जल्दी ही दूसरी लाइन चालू कर समस्या का हल निकाल लिया जाएगा।”

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उन्होंने अब तक किसानों के धरनास्थल में किसी अधिकारी के न पहुंचने की वजह प्रशासनिक कार्यो की व्यस्तता बताया।

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