गुप्त नवरात्रि आज से, जानिए घट स्थापना का मुहूर्त

गुप्त नवरात्रिआज से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है। हिंदू धर्म के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रि शुरु होती है। शास्त्रों के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि होती हैं। दो गुप्त नवरात्रि और दो चैत्र व शारदीय नवरात्रि जो कि आम लोग रखते हैं। गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ में पड़ती हैं। इस बार नवरात्र पांच जुलाई, मंगलवार से शुरु हो रही है। जो कि 13 जुलाई, बुधवार को समाप्त हो रही हैं।

ज्योतिषचार्यों के अनुसार इन दिन घर और मंदिरों में घट स्थापना होती है। विशेषकर इस नवरात्रि में माता काली की पूजा का विशेष विधान हैं। इस दिन सच्चे मन से देव का स्मरण करने से आप ऊर्जावान होगे साथ ही आपकी आयु लंबी और निरोगी होगी।

जानिए घट स्थापना का मुहूर्त और ये नवरात्रि क्यों होती है विशेष…

लाभ: सुबह 10 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
अमृत: दोपर 12 बजकर 31 मिनट से 2 बजकर 13 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक

 

इस कारण होती है यह नवरात्रि विशेष
वास्तव में एक संवत में 360 दिन होते हैं। इस नवरात्रि में वामाचार पद्धति से आराधना की जाती है। यह समय महाकाली की पूजा करने वाले और भगवान शिव की पूजा करने वाले धर्मावलंबियों के लिए पैशाचिक, वामाचारी क्रियाओं के लिए अधिक शुभ एवं उपयुक्त होता है। इसमें प्रलय एवं संहार के देवता महाकाल एवं महाकाली की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस नवरात्रि में तंत्र विधाएं अधिक मात्रा में की जाती हैं। जिसका फल भी अधिक फल मिलता हैं।

 

ये हैं साल भर की नवरात्रि
शास्त्रों के अनुसार एक साल में 4 नवरात्रि पडती हैं। साल के पहले माह यानि की चैत्र मास में पहली नवरात्र होती है। इसके बाद आषाढ़ में दूसरी नवरात्र जोकि गुप्त नवरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। इसके बाद तीसरी नवरात्र अश्विन माह में पडती है तो कि  माघ की नवरात्रि कहलाती है। इसके बाद आखिरी नवरात्रि क्कांर नवरात्रि के नाम से जानी जाती हैं।

इनमें सबसे खास अश्विन मास की नवरत्रि सबसे खास मानी जाती हैं। इसमें माता की अराधना के साथ-साथ गरबा आदि का आयोजन भी किया जाता हैं।

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