केरल में बाढ़ के प्रकोप से काल के गाल में समा चुके 370 लोग, 7 लाख लोगों ने ली शिविरों में शरण

तिरुवनंतपुरम| केरल में भरी बारिश का  कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा, यहाँ हर कोई बस अपनी जिन्दगी की दुआ मांगता नजर आ रहा है. वैसे तो इन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आर्मी अपनी हर संभव कोशिश कर रही है. वैसे रविवार को बारिश थमने से आखिरकार लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली, मगर इससे पहले भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से मची त्रासदी ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और सैकड़ों की जानें ले लीं। प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका के कारण 7 लाख  लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
केरल में बाढ़ के प्रकोप से काल के गाल में समा चुके 370 लोग, 7 लाख लोगों ने ली शिविरों में शरण
मुख्यमंत्री पिनाराई ने  बातचीत में कहा, “हमारी सबसे बड़ी चिंता लोगों की जान बचाने की थी और हम इसके लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। लगता है कि इस दिशा में काम हुआ।बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे 22,034 लोगों को बचाया गया है।”

केरल में आखिरकार बाढ़ के सबसे विनाशकारी दौर समाप्त होने के संकेत मिले और कई शहरों व गांवों में जलस्तर में कमी आई।

मुख्यमंत्री ने कहा, “शायद यह अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है, जिससे भारी तबाही मची है। इसलिए हम सभी प्रकार की मदद स्वीकार करेंगे।”

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केंद्र सरकार की ओर दी गई 500 करोड़ रुपये की मदद बहुत कम है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को इस संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। केरल सरकार ने बाढ़ से कुल 19,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है। केरल में 29 मई को आई पहली बाढ़ के बाद से लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित अलाप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर में बचाव कार्य जारी है।

 

 

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