3 साल : 6126 एनकाउंटर, 122 दुर्दांत ढेर और 13 जवान शहीद

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही बदमाशों और अपराधियों के लिए कई कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। यही वजह है कि तीन साल से ज्यादा के कार्यकाल में यूपी में अब तक पुलिस के द्वारा 10 जिलों में 6126 एनकाउंटर किये गये हैं। इनमें 122 दुर्दांत अपराधी ढेर हुए, जबकि 13 जवान शहीद हुए है।

गौरतलब है कि कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके गुर्गों के लगातार चल रहे खात्में के बीच यूपी में सियासी घमासान आपने चरम पर हैं। लगातार विपक्षी दलों के साथ ही प्रदेश की जनता भी इस तरह हो रहे एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर रही है। विकास दुबे एनकाउंटर मामले में विपक्षी पार्टियां और जनता सिर्फ सरकार पर हमलावर होकर सवाल ही नहीं खड़े कर रही बल्कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा गया है। आपको बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब योगी सरकार में एनकाउंटर को लेकर सवाल उठे हैं। पूर्व में सरकार कई एनकाउंटर में सवालों के कटघरे में खड़ी हो चुकी है। सत्ता में आने के बाद सरकार की जारी ‘ठोको नीति’ को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर होता रहा है।

तीन साल से ज्यादा के कार्यकाल में अब तक पुलिस ने यूपी के 10 जिलों में 6126 एनकाउंटर किये हैं। इनमें पुलिस की ओर से 122 दुर्दांत अपराधी ढेर किये गये हैं। हालांकि जारी ठोको नीति के चलते अभी तक 13 जवान शहीद हुए है। इसमें से 8 पुलिसकर्मी कानपुर के चौबेपुर मुठभेड़ में ही शहीद हुए।

योगी राज में पुलिस ने 20 मार्च 2017 से 10 जुलाई 2020 के बीच कुल 6126 एनकाउंटर किए। इस दौरान 13361 अपराधी गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाए गये। इस बीच 2293 अपराधी ऐसे थे, जिन्हें मुठभेड़ के दौरान गोली लगी और वे घायल हो गए। यूपी पुलिस के ऑपरेशन क्लीन के तहत ही पुलिस ने विकास दुबे एंड गैंग समेत 126 दुर्दांत अपराधियों को ढेर कर दिया। हालांकि, मुठभेड़ के दौरान 894 पुलिसवाले भी गोली लगने से घायल हुए, जबकि 13 को शहादत प्राप्त हुई।

सबसे ज्यादा मेरठ और आगरा में एनकाउंटर
अब तक के योगी राज में सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ, आगरा और संगम नगरी प्रयागराज में हुए हैं। मेरठ में कुल 2070 मुठभेड़ों में पुलिस ने 3792 अपराधी गिरफ्तार किये। इनमें 1159 गोली लगने से घायल हुए, जबकि 59 को पुलिस ने मार गिराया। इसके बाद आगरा में 1422 एनकाउंटर्स किए गए। इस दौरान 3693 अपराधी गिरफ्तार हुए, जबकि 134 गोली लगने से घायल हुए। 11 अपराधियों को मार गिराया गया। जबकि प्रयागराज में 245 एनकाउंटर में 492 अपराधी गिरफ्तार हुए, जबकि पांच मारे गए। इसी तरह बरेली में 879 एनकाउंटर्स में 1940 अपराधी गिरफ्तार किए गए।

सीएम के गढ़ गोरखपुर में भी पुलिस की यह ठोको नीति जारी रही और गोरखपुर में 196 मुठभेड़ों में 462 अपराधी पकड़े गए और चार मारे गए। कानपुर में 419 मुठभेड़ों में 828 अपराधी गिरफ्तार और 8 ढेर हुए। लखनऊ में 227 मुठभेड़ में 580 अपराधी गिरफ्तार और 9 ढेर किये गये। वाराणसी में 379 मुठभेड़ के दौरान 792 अपराधी गिरफ्तार और 11 एनकाउंटर में मारे गए। लखनऊ कमिश्नरी में 30 एनकाउंटर में 65 गिरफ्तार और दो की मौत हो गई। वहीं, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) कमिश्नरी में 259 मुठभेड़ में 717 गिरफ्तार और 6 अपराधी मारे गए।

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