2G मामला में प्रोमटरों को जवाब दाखिल करने का मिला अतिरिक्त समय

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2जी आवंटन मामले में एस्सार प्रमोटरों को बरी किए जाने के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अपील पर गुरुवार को कंपनी की वह याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा गया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय

न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने एस्सार प्रोमटर्स अंशुमान रुइया और रवि रुइया को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया और मामले की अगली सुनवाई नौ अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।

अदालत मामले में अंशुमान रुइया व रवि रुइया, एस्सार समूह के निदेशक विकास सराफ, लूप टेलीकॉम प्रमोटर किरण खेतान व उनके पति आई.पी. खेतान और तीन कंपनियों को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही है।

सीबीआई ने कहा कि निचली अदालत मौजूद सबूतों पर फैसला सुनाने में नाकाम रही। सबूत दर्शाते हैं कि आरोपियों ने स्पेक्ट्रम लाइसेंस हासिल करने के लिए दूरसंचार विभाग के साथ धोखाधड़ी करने की साजिश रची थी।

विशेष न्यायाधीश ने 21 दिसंबर, 2017 को अंशुमान रुइया व रवि रुइया, सराफ और खेतान दंपति को बरी कर दिया था। अदालत ने लूप टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, लूप मोबाइल इंडिया लिमिटेड और एस्सार टेलीकॉम को भी मामले में बरी कर दिया था।

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