26/11 जब आतंक ने खेला था मौत का खूनी खेल, जानें हमले के 10 साल बाद कितना सुरक्षित हुआ देश

मुंबई में आज ही के दिन यानी 26 नवंबर को साल 2008 में आतंकी हमला हुआ था। आज उस हमले की 10वीं बरसी है। तीन दिन तक चले आतंक के उस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के 10 खूंखार आतंकियों ने 166 लोगों की जान ले ली थी। जो मारे गए वो तो चले गए लेकिन जो जिंदा है उस घटना को यादकर सिहर उठते हैं।

26/11 जब आतंक ने खेला था मौत

इस हमले को 10 साल पूरे हो गए हैं लेकिन आज भी लोग उस दिन को अपने जहन से नहीं मिटा पाए हैं। आतंकियों के हमले के बाद भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी दिलेरी के साथ लड़कर 9 आतंकियों मार गिराया था, जबकि उनमें से एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। भारतीय अदालत से मौत की सजा मिलने के बाद उसे फांसी पर चढ़ा दिया गया था। आतंकी कराची से नाव के रास्ते मुंबई में घुसे थे।

26/11 जब आतंक ने खेला था मौत

‘फ्रैगाइल फ्रंटीयर्स: दी सिक्रेट हिस्टरी ऑफ मुंबई आतंकी अटैक्स’ नाम की एक किताब ने खुलासा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा ने आतंकी अजमल कसाब को कराची के समुंदर में तैरने की ट्रेनिंग दी थी।
इतिहासकार सरोज कुमार राठ द्वारा लिखित इस किताब के अनुसार, उस दौरान कसाब को यह लगा कि इस ट्रेनिंग से उसे समुद्री सैनिक या मछुआरे की नौकरी मिल जाएगी। वहीं इस हमले से पहले एलईटी ने दो बार आतंकियों को भेजने की कोशिश की थी मगर सफल नहीं हो सके थे।
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पूर्व अमेरिकी अधिकारियों, राजनयिकों और विद्वानों ने साल 2008 में हुए घातक 26/11 मुंबई आतंकी हमले की 10वीं बरसी से पहले कहा कि पाकिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल करके अगर भारत में 26/11 जैसा एक और हमला हुआ तो इससे भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत हो जाएगी।
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