2019 में मायावती बदल सकती हैं हवा का रुख, राजनीतिक गलियारों में हलचल

लखनऊ। आगामी 2019 लोकसभा चुनावों को लेकर प्रदेश की राजनीति में उठापटक का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में हमेशा मौके पर चौका मारकर किंगमेकर बनने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती का कद 2019 के चुनावों में और भी मजबूत हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सूबे की अन्य बड़ी पार्टियों के कई कद्दावर नेता बीएसपी में शामिल होने के लिए बेकरार दिख रहे हैं।

प्रदेश के बिजनौर से समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक रुचि वीरा ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थामकर इसकी शुरूआत भी कर दी है। बीएसपी में शामिल होने के बाद रुचि को बिजनौर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया है। रुचि के साथ ही करीब एक हजार समर्थकों का भी बसपा का साथ देना तय माना जा रहा है।

आरजेपी इंटर कॉलेज में एक इवेंट में रुचि वीरा ने बसपा में शामिल की बात कही। जिसके बाद जोनल इंचार्ज गिरीश चंद ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर रुचि वीरा को बिजनौर लोकसभा का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही रुचि वीरा के बसपा से जुड़ने को उन्होंने एक बड़ी ताकत बताया।

बता दें कि 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा एक बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। चुनाव में बसपा ने सबसे अधिक 27.20 प्रतिशत मत हासिल कर 20 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने 19.77 प्रतिशत मत हासिए किए थे।

15 जनवरी को बदल सकती है सूबे की गणित

आगामी 15 जनवरी को यूपी की राजनीतिक गणित में बड़ा फेरबदल होने की संभावना जताई जा रही है। चूंकि इस दिन मायावती का जन्मदिन है। जिस वजह से इस मौके पर कई बड़े नेताओं के बसपा में शामिल होने का ऐलान किया जा सकता है।

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बहुजन समाज पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अन्य दलों के करीब 12 नेता बसपा के संपर्क में हैं। जिनमें से भाजपा के तीन विधायक और दो सांसद भी शामिल हैं। बसपा में शामिल होने की चाह रखने वाले नेताओं की लिस्ट में सिर्फ समाजवादी पार्टी और बीजेपी के नेता ही शामिल नहीं है बल्कि कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं।

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