#RepublicDay: जानिए इस दिन से जुड़ी वो खास बातें, जिससे मिली ‘सम्‍पूर्ण आजादी’

नई दिल्‍ली। 26 जनवरी की तारीख भारतवासियों के लिए बेहद मायने रखती है। यह दिन देश के लिए उतना ही महत्‍व रखता है जितना 15 अगस्‍त। गणतंत्र दिवस देश के लिए राष्ट्रीय पर्व जैसा है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। इस साल देश 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।

26 जनवरी

इस बार 10 देशों के प्रतिनिधि मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आएंगे। इनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम का नाम शामिल हैं।

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69वें गणतंत्र दिवस के मौके पर हम आपको इसके इतिहास के कुछ पन्‍नों से रूबरू कराएंगे।

लागू हुआ संविधान-

  • 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था।
  • भारत का संविधान एक लिखित संविधान है।
  • इस दिन भारत के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
  • 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ भारतीय संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

संविधान को बनने में लगा इतना वक्‍त –

  • गणतंत्र दिवस के मौके पर अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं।
  • इसके बाद हमारी सेना अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करती है।
  • भारतीय संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।

पहले राष्‍ट्रपति ने ली शपथ-

  • 26 जनवरी 1950 को डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
  • 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर होने लग गया और यहां सेना परेड करने लग गई।

मिलते हैं राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार-

  • गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है।
  • फिर राष्ट्र गान गाया जाता है और 21 तोपों की सलामी होती है।
  • 1957 में सरकार ने बच्चों के लिए राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार शुरू किया, जो कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अलग-अलग क्षेत्र में बहादुरी के लिए गणतंत्र दिवस पर दिया जाता है।

होती है भव्य परेड

  • इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए हर साल एक भव्य परेड का आयोजन होता है।
  • इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेते हैं।
  • परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं।
  • हर प्रदर्शिनी भारत की विविधता व सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है।
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