नए साल में गरम हुआ 200 साल पुरानी जंग का लावा, हिंसा में डूबे 13 शहर, धारा 144 लागू

भीमा-कोरेगांवपुणे। दलितों और मराठा समुदाय के लोगों के बीच भीमा-कोरेगांव की 200 साल पुरानी जंग की बरसी के मौके पर जबरदस्त हिंसा हुई। ये हिंसा भीमा, पबल और शिकरापुर गांव में हुई। दोनों समुदायों की बीच हुई इस हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई। इसके बाद मुंबई समेत महाराष्ट्र के 13 शहरों में हिंसा और प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसके बाद इन सभी शहरों में धारा 144 लागू कर दी गई।

खबर के मुताबिक हिंसा पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर पुणे-अहमदनगर हाइवे में पेरने फाटा के पास हुई। यहां लोगों ने हाईवे पर करीब 100 गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की।

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इसके अलावा औरंगाबाद, ठाणे, मुंबई के कुछ इलाकों में दलित संगठन आरपीआई से जुड़े लोगों ने प्रोटेस्ट किया है। वहीं बीड, परभणी, सोलापुर, जालना और बुलढाणा में भी प्रोटेस्ट हुआ है।

कई जगहों से तोड़फोड़ की खबरें हैं। चेंबुर और गोवंडी के बीच प्रदर्शन के बाद हार्बर लाइन पर लोकल ट्रेन सर्विस प्रभावित हुई है। मुंबई और परभणी में भी लोगों ने ट्रेन रोकी।

मामले में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने घटना की ज्यूडिशियल इन्क्वॉयरी के आदेश दिए हैं।

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फडणवीस ने कहा कि भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर करीब तीन लाख लोग आए थे। हमने पुलिस की 6 कंपनियां तैनात की थीं। कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने के लिए हिंसा फैलाई।

उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही मृतक के परिवार वालों को 10 लाख के मुआवजा दिया जाएगा।

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