
नई दिल्ली। राजनीतिक दल स्वराज इंडिया ने झारखंड में 20 नागरिकों पर फेसबुक पोस्ट के आधार पर लगाए गए देशद्रोह के मुकदमों को तुरंत वापस लेने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है उनमें कुछ सरकारी सेवक, कुछ बैंककर्मी, कुछ लेखक, पत्रकार और कुछ समाजसेवी शामिल हैं।
पुलिस की तरफ से आरोप लगाया गया कि इन लोगों ने अपने फेसबुक पोस्ट में संविधान की गलत व्याख्या कर आदिवासियों को उकसाया, जिसके फलस्वरूप आंदोलनरत आदिवासियों ने सांसद कड़िया मुंडा के सुरक्षा गाडरें का अपहरण कर लिया।
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स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने झारखंड सरकार के इस कार्यवाई की भर्त्सना करते हुए कहा, ” यह अत्यंत अफसोसजनक है कि राज्य की पुलिस खुद असंवैधानिक ढंग से काम करते हुए नागरिकों पर संविधान की गलत व्याख्या का आरोप लगा रही है। साथ ही, उच्चत्तम न्यायालय के फैसलों की अवहेलना करते हुए उल्टे नागरिकों पर ही देशद्रोह का आरोप मढ़ा जा रहा है। भारतीय लोकतंत्र और संविधान के हर रक्षक और जिम्मेदार नागरिकों को झारखंड सरकार की इस पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ मजबूती से आवाज उठानी होगी।”
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मुकदमों को खारिज करने की मांग करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि नागरिक अधिकारों की बात हो या मीडिया के स्वतंत्रता की, आज हमारी सरकारों द्वारा देशभर में अभिव्यक्ति पर लगाम लगाने की अलोकतांत्रिक कोशिशें हो रही हैं।
सत्ताधारी पार्टी, उनके शीर्ष नेता या नीति की आलोचना भर से सरकार तिलमिला रही है और विरोधी स्वरों को हर हथकंडे का प्रयोग करके दबाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ उठाए गए ऐसे हर कदम या दमन की कार्रवाई के खिलाफ स्वराज इंडिया मजबूती से खड़ी है।”
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