अच्छी बारिश के लिए सरकार ने अपनाया टोटका, 20 लाख रूपए होंगे खर्च

अच्छी बारिशनई दिल्ली। गर्मी इस वक़्त अपने चरम पर है। बस कुछ दिनों में ही मानसून आने की बात से लोगों को राहत मिल रही है। कई बार तो लोग अच्छी बारिश के लिए तमाम तरह के टोटके भी अपनाते हैं। लेकिन अच्छी बारिश की उम्मीद में कर्नाटक सरकार द्वारा कुछ नया ही किया जा रहा है। दरअसल, तीन साल से सूखे की मार झेल रहे कर्नाटक सरकार ने अच्छी बारिश की प्रार्थना करने के लिए 20 लाख रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है।

आपको बता दें कि मौसम विभाग ने इस साल सामान्य बारिश का अनुमान लगाया है। वहीं, राज्य में पड़ रहे भीषण सूखे से 80 फीसदी तालुकाएं प्रभावित होने के बाद सरकार ने केंद्र सरकार से सूखा राहत कोष के अंतर्गत 4 हजार करोड़ रुपये की मांग की थी।

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ऐसे होगी पूजा

कर्नाटक में कृष्णा और कावेरी दो सरकारी सिंचाई बोर्ड है। दोनों बोर्ड ने इस साल 10-10 लाख रुपये पूजा के लिए खर्च करने का प्रावधान बनाया है। सूत्रों के मुताबिक, यह पूजा शुक्रवार और शनिवार को आयोजित की गई है। कर्नाटक में जल संसाधन मंत्री एमबी पाटिल जो कि महाबलेश्वर में आयोजित पहली पूजा में शामिल होने के लिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, दोनों नदियां कर्नाटक की दो आंखें हैं। राज्य में रहने वाले सभी 6 करोड़ लोग कहीं न कहीं इससे जुड़े हुए हैं। इस पूजा में गलत क्या है?

करोड़ों खर्च करती हैं सरकारें

उन्होंने कहा, यहां ऐसी सरकारें हैं जो गंगा पूजा पर करोड़ों खर्च करती हैं। गोदावरी-पुष्कर पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। आप उनपर सवाल क्यों नहीं करते हैं? हम सब बारिश चाहते हैं। हम 10 लाख रुपये खर्च नहीं कर रहे हैं। यह बस एक प्रावधान है। पूजा का खर्च शायद 4-5 लाख रुपये ही आए। बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर भी वहां मौजूद होंगे, जो हर चीज की देखरेख करेंगे। मौसम विभाग के अनुमान पर पाटिल ने कहा, हम प्रार्थना करते हैं कि यह सही साबित हो और राज्य में ठीक बारिश हो। हालांकि, इस बार हम सामान्य से ज्यादा बारिश चाहते हैं। इसके लिए हमारे दिमाग में कहीं न कहीं ये बना रहते है कि हमें प्रार्थना करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने किया इनकार

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर में कहा, वह यज्ञ और पूजा में विश्वास नहीं करते हैं। आप सिर्फ पूजा से अच्छी बारिश नहीं पा सकते हैं। मैंने न तो पहले ऐसी कोई पूजा की है और न ही इसे शुरू करने जा रहा हूं। यदि मंत्री ने यह निर्णय लिया है तो वह उनकी संज्ञान में अब तक नहीं आया है।

इस पर जब पाटिल से पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री यज्ञ में विश्वास नहीं करते। हम यज्ञ नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ पूजा और प्रार्थना कर रहे हैं।

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