2 बार हाईकोर्ट तक ले गए घोषित हुए चुनाव परिणाम, बाद में पीछे खींचा हाथ; जानिए कौन है वह प्रत्याशी

पूर्व विधायक और दर्जा राज्यमंत्री रहे जगराम सिंह ने अमरोहा जिले की खत्म हो चुकी गंगेश्वरी विधानसभा सीट से सर्वाधिक बार चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड अपने नाम पर किया है। वह इस सीट पर 7 बार चुनाव लड़े। इसमें 1989 और 2002 में उन्हें सफलता भी हाथ लगी और वह विधायक बने। फिर दो बार वह मंडी धनौरी सुरक्षित सीट से भी चुनावी मैदान में उतरे। वह जिले के पहले ऐसे प्रत्याशी हैं जो दो बार घोषित किए हुए चुनाव परिणामों को लेकर हाईकोर्ट तक गए। उन्होंने याचिका दायर कर दोबारा मतगणना की अपली की। लेकिन बाद में किन्ही कारणों के चलते उन्होंने हाथ पीछे हटा लिया।

वर्ष 2011 में परिसीमन के बाद यह सुरक्षित गंगेश्वरी विधानसभा सीट खत्म हो गई। जगराम सिंह गंगेश्वरी सीट से वर्ष 1985 में लोकदल के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। पहले चुनाव में मात्र उन्हें 350 वोटों से हार मिली थी। इसके बाद 1989 और 2002 में वह विजय पताका फहरा विधायक बने। जबकि 5 बार वह जीत के करीब पहुंचकर दूसरे नंबर पर ही रहे। जगराम सिंह जिले के पहले ऐसे नेता है जिन्होंने दो बार चुनाव परिणामों को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली।

पहली बार चुनाव में जब जगराम सिंह महज 350 वोटों से पराजित हुए तो उन्होंने प्रशासन पर मतगणना में धांधली का आरोप लगाया। इसी के साथ दोबारा मतगणना के लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की। इसके बाद वह वर्ष 1991 में भी उपविजेता ही रहे। इस बार पुनः वह हाईकोर्ट की शरण में चुनाव परिणाम लेकर पहुंचे। बात अगर 2012 चुनाव की करें तो उन्होंने रालोद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और वह तीसरे स्थान पर रहें। जबकि वर्ष 2017 में उन्होंने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और वह दूसरे स्थान पर रहें।

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