करवाचौथ : यहां देखिए 16 श्रृंगार की पूरी लिस्‍ट, जानिए इनके महत्‍व

16 श्रृंगारनई दिल्‍ली। करवाचौथ की रात सुहागनें पुजा के दौरान 16 श्रृंगार के साथ तैयार होती हैं। सुहागन के लिए हर एक श्रृंगार के सामान की बहुत कीमत होती है या यूं कहें कि ये उनके लिए बेश्‍कीमती होते हैं। सुहागनों के लिए ये श्रृंगार के सामान सुहाग के प्रतीक के रूप में होते हैं। सुहाग की निशानियां को देखा जाए तो बता दें इन्‍हें 16 श्रृगांर भी बोला जाता है।

आमतौर पर लोग 16 श्रृंगार के बारे में बात करते हैं। उन्हें महत्‍वपूर्ण बताते हैं लेकिन उनके असली महत्‍व को बहुत कम लोग जानते हैं। करवाचौथ के मौके पर हम आपकों सभी 16 श्रृंगार के महत्‍व के बारे में बताएंगे।

सिंदूर– सिंदूर के महत्‍व की बात करें तो दीपिका पादुकोण की फिल्‍म का डायलॉग इसपर बिल्‍कुल फिट बैठता है। ‘…सुहागन के सिर का ताज होता है एक चुटकी सिंदूर’। हिंदू महिलाओं के लिए सुहाग की की सबसे पहली और अहम निशानी सिंदूर होती है। ऐसी मान्यता है कि इससे पति की दीर्घायु होता है।

मंगलसूत्र– इसे भी सुहाग की महत्‍वपूर्ण में से एक है। कई शादीशुदा स्त्रियां इसे हमेशा पहनती हैं।

मांग टीका– मांग टीका सुहागन के लिए एक तरह का नजरबट्टू होता है। य‍ह मांग में भरे सिंदूर को नजर से बचाने के लिए पहना जाता है।

काजल– काजल को अक्‍सर बुरी नजर से बचाने के इस्‍तेमाल में लाया जाता है। सुहागन के लिए भी काजल यही काम करता है।

बिंदी– बिंदी तो आमतौर पर सभी महिलाएं लगाती हैं लेकिन उनमें से कुछ ही जानती हैं कि इसका ऊपरी हिस्‍सा मांगटीके को जरूर छूना चाहिए।

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कर्णफूल– कानों में पहने जाने वाला ये श्रृंगार के सामान की भी बहुत महत्‍वपूर्ण होता है। कर्णफूल के लिए मान्‍यता है कि इसे पहनने से कानों में हमेशा अच्छी आवाजें ही पड़ती हैं।

गजरा– फूलों का गजरा विवाहिताओं के लिए बहुत महत्व रखता है। इसकी भीनी-भीनी खुशबू जीवनसाथी को हमेशा आपसे जोड़े रखती है।

नथ– नाक की नथ के लिए मान्‍यता है कि आयुर्वेद के अनुसार अगर नाक के एक प्रमुख हिस्से वाली जगह पर छेद किया जाए तो मासिक धर्म के समय उस महिला को कम दर्द झेलना पड़ता है। इसका कारण वैज्ञानिकों ने नाक की कुछ नसों का एक स्त्री के गर्भ से जुड़ा हुआ बताया है।

चूड़ियां- चूडियों के लिए मान्‍यता है कि इसकी आवाज से घर में हमेशा शांति बनी रहती है।

मेंहदी– शादी के बाद भी हर खास मौके पर विवाहित महिलाएं मेंहदी लगाती हैं क्योंकि ये सुहाग की निशानी है।

बिछिया– दोनों पैरों की बीच की तीन उंगलियों में बिछिया पहनी जाती है। इससे शरीर में रक्त-प्रवाह ठीक रहता है।

अंगूठी – अंगूठी को सुहाग के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे दंपति का रिश्‍ता दिल से मजबूत होता है।

साड़ी– श्रृंगार में ये सबसे अहम जगह रखती है। साड़ियों में भी कई तरह का कपड़ा होता है और जगह के अनुसार पहनने का तरीका बदल जाता है।

बाजूबंद– वैसे तो यह सोलह श्रृंगार का अहम चिन्ह है लेकिन बहुत से लोग ये नहीं भी पहनते हैं।

कमरबंद या तगड़ी- इसे अच्छे स्वास्थ्य से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि शादी के बाद, बच्चे के जन्म के दौरान ये पहनने से स्त्री स्वस्थ रहती है।

पायल– पायल सिर्फ विवाहिताओं का जीवन सुखद नहीं करता, घर की समृद्धि का भी इससे संबंध है। माना जाता है कि पायल की मधुर ध्वनि से कलह कटते हैं।

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