गेहूं का डंठल जलाना पड़ा भारी, 19 परिवारों की झोपड़ियां खाक, मधुबन के चक्की मुसाडोही की घटना
मधुबन (मऊ) : गेंहू की कटी फसल की बची डंठल को जलाते समय आग के विकराल रूप पकड़ने से चक्की मुसाडोही में लपटों ने जमकर तांडव मचाया। 19 परिवारों की तीन दर्जन रिहायशी, गैर रिहायशी मण्डई जलकर राख हो गईं। इसमें राशन, घर गृहस्थी का सामान सहित लाखों रूपये का सामान जलकर खाक हो गया। सभी परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। ग्रामप्रधान नन्दलाल यादव ने पीड़ित परिवारों को खाने पीने का प्रबन्ध करने की बात कही। इस अगलगी में आधा दर्जन लोंगो के झुलसने की भी खबर है।
तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा चक्की मुसाडोही सबसे दूर बसी ग्राम सभा है। बरसात के दिनों में बाढ़ तो गर्मी में आग के तांडव से यहाँ के लोग हमेशा पीड़ित रहते है। यहाँ जाने के लिये 60 से 70 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। सोमवार को लगभग डेढ़ बजे गाँव के बाहर कम्बाइन मशीन से गेंहू की कटी फसल के अवशेष को किसी ने जला दिया। बताया जाता है कि उस समय तेज पछुआ हवा चल रही थी। उसी आग से निकली चिंगारी से एकाएक मण्डई जलनी शुरू हो गयी और उसे फैलते देर नही लगी। पूरे पूरवे में चीख पुकार मच गयी। लोग अपने बचाव में भागने लगे। पशुओं को किसी तरह निकाल कर भगाया। आग का तांडव इतना भयानक था कि लोग पास जा भी नही पा रहे थे। बावजूद इसके आधा दर्जन पशु व कुछ लोगों की झुलसने की खबर है। पूरी बस्ती को जलाने के बाद ही आग का तांडव खत्म हुआ। मधुबन से चक्की की दूरी इतनी है कि जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुँचती तब तक सब कुछ जलकर राख हो गया था। इस अगलगी में शिवशंकर, रामभवन, नगीना, राजकुमार, लालबहादुर, किरसा, रघुनाथ, भूपेंद्र, झींगुर, अमरजीत, राजेन्द्र, अखिलेश, रामप्यारे, रामसमुझ, रामाश्रय, अमर, मुन्ना तथा मुसाफिर प्रसाद की लगभग तीन दर्जन मंडई जल गयी।