गोरखपुर: हॉकी खेलते समय 11 वर्षीय की पेट में गेंद लगने से मौत, छिना मां का इकलौता सहारा

गोरखपुर जिले के चौरीचौरा थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव के कुसुली टोला में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। दोपहर में डंडे से हॉकी खेलते समय 11 वर्षीय अविनाश निषाद के पेट में गेंद लगने से उसकी मौत हो गई।

अविनाश अपनी मां कुंती देवी का इकलौता बेटा और परिवार की एकमात्र उम्मीद था। इस हादसे ने कुंती देवी को गहरे सदमे में डुबो दिया, जिनके पति ने उन्हें पहले ही छोड़ दिया था। गांव में मातम छा गया, और अविनाश की मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया।

चौरीचौरा के इब्राहिमपुर गांव के कुसुली टोला के एक बाग में शनिवार दोपहर अविनाश निषाद अपने पड़ोस के छह अन्य बच्चों के साथ डंडे से हॉकी खेल रहा था। बच्चे स्थानीय रूप से बनाए गए भारी-भरकम डंडे और गेंद का उपयोग कर रहे थे। गांव के 8 वर्षीय अच्छे निषाद ने बताया कि खेल के दौरान एक बच्चे ने तेज शॉट मारा, और गेंद सीधे अविनाश के पेट में जा लगी। शॉट इतना जोरदार था कि गेंद की छाप अविनाश के पेट पर उभर आई।

गेंद लगते ही अविनाश जमीन पर गिर पड़ा। साथी बच्चों ने उसे उठाने की कोशिश की और चेहरे पर पानी डाला, लेकिन वह नहीं उठा। इसके बाद आसपास के लोगों को सूचना दी गई। अविनाश की मां कुंती देवी, जो उस समय मजदूरी पर गई थीं, को सूचना मिलते ही वह दौड़कर मौके पर पहुंचीं। ग्रामीणों की मदद से अविनाश को तुरंत गोरखपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। चौरीचौरा थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह एक दुर्घटना प्रतीत होती है, और गेंद के तेज प्रहार से आंतरिक रक्तस्राव या अंगों को गंभीर नुकसान होने की संभावना है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत के सटीक कारण का पता चलेगा।

अविनाश की मौत ने उसकी मां कुंती देवी को पूरी तरह तोड़ दिया। कुंती ने रोते हुए कहा, “पति ने पहले ही दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया। जिस बेटे के लिए जिंदगी जी रही थी, वह इकलौता चिराग भी बुझ गया। अब मैं किसके लिए जिऊंगी?” कुंती की 12 साल पहले कुशीनगर के एक युवक से शादी हुई थी, लेकिन कुछ साल बाद पति का किसी अन्य महिला से संबंध हो गया, और वह उसे छोड़कर चला गया। पिछले पांच साल से कुंती अपने मायके कुसुली टोला में रह रही थीं और मजदूरी कर अविनाश को पढ़ा रही थीं।

अविनाश कक्षा पांच का छात्र था और पढ़ाई में होनहार था। कुंती हमेशा कहती थीं कि उनका बेटा पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी करेगा और उनके दुखों को दूर करेगा। लेकिन इस हादसे ने उनके सारे सपने चकनाचूर कर दिए। अविनाश की नानी बिजुला देवी ने बताया कि उन्होंने अविनाश को खेलने जाने से रोका था और कहा था कि मां के आने के बाद ही बाहर जाना, लेकिन वह नहीं माना। थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत की खबर ने पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया।

हादसे की खबर फैलते ही कुसुली टोला और आसपास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई। अविनाश के ननिहाल में चीख-पुकार मच गई। बिजुला देवी अपने नाती को याद कर दहाड़ें मारकर रो रही थीं, जबकि कुंती को चुप कराने की कोशिश में पूरा परिवार टूट चुका था। पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने परिवार को सांत्वना देने की कोशिश की, लेकिन अविनाश की अचानक मौत ने सभी को गहरे दुख में डुबो दिया। X पर एक पोस्ट में कहा गया कि अविनाश के पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी, और मां खेती व पशुपालन से घर चलाती थी। यह पोस्ट प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाती है।

हादसे का कारण और जांच

पुलिस के अनुसार, बच्चे स्थानीय स्तर पर बनाए गए डंडे और भारी गेंद से हॉकी खेल रहे थे, जो सामान्य हॉकी उपकरणों से कहीं अधिक खतरनाक थे। तेज शॉट के कारण गेंद अविनाश के पेट में लगी, जिससे संभवतः आंतरिक अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा। चौरीचौरा पुलिस ने बताया कि हादसे में शामिल अन्य बच्चे डर के मारे भाग गए, और उनकी पहचान की जा रही है। यह स्पष्ट नहीं है कि गेंद मारने वाला बच्चा कौन था, लेकिन पुलिस का कहना है कि यह एक अनजाने में हुआ हादसा प्रतीत होता है।

की मौत एक दुखद हादसा है, जिसने उसकी मां कुंती देवी से उनका इकलौता सहारा छीन लिया। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के लिए सुरक्षित खेल सुविधाओं और जागरूकता की कमी को उजागर करती है। अविनाश की मौत ने कुसुली टोला के लोगों को गहरे शोक में डुबो दिया, और कुंती देवी का दर्द हर किसी के लिए असहनीय है। पुलिस की जांच और पोस्टमॉर्टम से हादसे के और विवरण सामने आ सकते हैं, लेकिन यह त्रासदी प्रशासन और समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। अविनाश के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए, यह अपील की जाती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

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