हो जाइए सावधान अगर आपके घर का मुख्य दरवाज़ा भी है ऐसा तो,कर सकता है संकट पैदा

 

हम अपना घर बनवाते समय कई बातों पर ध्यान देतें हैं जैसे-उनका डिज़ाइन, रंग और न जाने क्या-क्या. मगर इन बातों के साथ-साथ वास्तू से जुड़ी बातों पर गौर करना भी ज़रुरी है. आज हम बात कर रहें हैं घर के मुख्य दरवाज़े की. वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में घर के दरवाजे के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. हम यहां आपके लिए लाएं हैं कुछ ऐसे दरवाजों के बारे में जानकारी जिनसे घर में संकट पैदा होता है. इन्हें जानकर आप सतर्क हो सकते हैं.

MAIN GATE

ऐसे दरवाजे न हो-
-दरवाजे टूटे फूटे नहीं होना चाहिए.
-खुला कुआं मुख्य  द्वार के सामने न हो.
-एक सीध में तीन दरवाजे नहीं होना चाहिए.
-दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए.
-प्रवेश द्वार मकान के एकदम कोने में न बनाएं.
-विपरीत दिशा में दो मुख्य द्वार नहीं बनाना चाहिए.
-मुख्यद्वार खोलते ही सामने सीढ़ी नहीं बनवाना चाहिए.
-मुख्य द्वार के सामने कोई गड्ढा अथवा सीधा मार्ग न हो.
-एक पल्ले वाला दरवाजा नहीं होना चाहिए। दो पल्ले वाला हो.
-दरवाजे के सामने उपर जाने के लिए सीढ़ियां नहीं होना चाहिए.
-घर का मुख्य द्वार बाहर की ओर खुलने वाला नहीं होना चाहिए.
-ऐसा दरवाजा नहीं होना चाहिए जो अपने आप खुलता या बंद हो जाता हो.
-घर के ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए.
-दरवाजा के सामने वृक्ष, खम्भा, दीवार, डीपी, हैंडपम्प, किचड़ आदि नहीं होना चाहिए.
-कुछ दरवाजे ऐसे होते हैं जिनमें खिड़कियां होती हैं ऐसे दरवाजों में वास्तुदोष हो सकता है.
-मुख्य द्वार त्रिकोणाकार, गोलाकार, वर्गाकार या बहुभुज की आकृति वाला नहीं होना चाहिए.
-मुख्य द्वार के सामने कचरा घर, जर्जर पड़ी इमारत या कोई नकारात्मक चीज नहीं होनी चाहिए.
-मुख्य दरवाजा छोटा और उसके पीछे का दरवाजा बड़ा नहीं होना चाहिए। मुख्य दरवाजा बड़ा होना चाहिए.
-घर में दो मुख्‍य द्वार हैं तो वास्तुदोष हो सकता है। घर में प्रवेश का केवल एक मुख्य द्वार बड़ा होना चाहिए.
-द्वार के खुलने बंद होने में आने वाली चरमराती ध्वनि स्वरवेध कहलाती हैं जिसके कारण आकस्मिक अप्रिय घटनाओं को प्रोत्साहन मिलता है.
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