होली के खास अवसर पर ज़हरीले मावा और मिठाइयों से जरा बचकर…

किसी भी त्योहार को हम बिना मीठाई नहीं रहने देते है। और हा सही तो हैं त्योहार मीठाई के बिना अधूरा होता है। दो दिन बाद होली हैं।ऐसे में यदिआप भी गुजियां बनाने वाली हैं तो पहले ये पता कर लेना कि इसमें इस्तेमाल होने वाला मावा आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक तो नहीं है। जी हां, त्योहारों के सीजन में मावा की मांग बहुत ज्यादा होती है। ये ही वो समय है जब मावे और मिठाइयों में मिलावट ज्यादा होती है। ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं जिससे आप घर बैठे ही मावे में मिलावट की पहचान कर सकते हैं।

होली के खास अवसर पर ज़हरीले मावा और मिठाइयों से जरा बचकर...

आपको बता दें, मिलावटी मावा को तैयार करने के लिए सिंथेटिक दूध का इस्तेमाल किया जाता है। मिलावटी मावे के सेवन से कैंसर होने का डर रहता है। इतना ही नहीं नकली मावा के सेवन से लीवर में सूजन और आंतों में संक्रमण होने का डर भी बढ़ जाता है।

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इस प्रकार करे जांच

-मावे को टेस्ट करके भी चेक कर सकते है। इसके लिए मावा खरीदते समय थोड़ा सा पहले चखें। अगर इसका स्वाद कसैला इसका मतलब साफ है कि इसमें मिलावट है।

-मावा लेते समय उसे थोड़ा सा अपने अंगूठे के नाखून पर रगड़े और कुछ देर बाद चेंक करें। अगर मावा असली होगा तो इसकी महक काफी देर तक आती रहेगी।

-मावे को चेक करने का एक तरीका यह है कि एक बर्तन में थोड़ा-सा पानी डालकर गर्म करें। गर्म होने के बाद उसमें टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदे डालें। अगर मावा मिलावटी होगा तो उसका रंग तभी बदलकर नीला हो जाएगा। अगर रंग नहीं बदलता मतलब आपका मावा असली है।

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-थोड़ा सा मावा हाथ में लेकर इसकी गोली बना लें। अगर ये गोली फटने लगें तो इसका मतलब साफ है कि ये नकली है। इतना ही नहीं मावे को हाथ में लेते हुए अगर आपको चिकनापन न लगें, तो यह भी इस बात का इशारा है कि यह नकली है।

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