प्रेरक-प्रसंग: हैप्पी लाइफ का फंडा

उसने अपने विचार बत्तख से बतलाए। बत्तख ने उत्तर दिया, दरअसल मुझे भी ऐसा ही लगता था कि मैं सबसे अधिक खुश पक्षी हूं जब तक मैंने दो रंगों वाले तोते को नहीं देखा था। अब मेरा ऐसा मानना है कि तोता सृष्टि का सबसे अधिक खुश पक्षी है।

हैप्पी लाइफ का फंडा

फिर कौआ तोते के पास गया। तोते ने उसे समझाया, मोर को मिलने से पहले तक मैं भी एक अत्यधिक खुशहाल जिंदगी जीता था, लेकिन मोर को देखने के बाद मैंने जाना कि मुझमें तो केवल दो रंग हैं जबकि मोर में विविध रंग हैं।

तोते को मिलने के बाद वह कौआ चिड़ियाघर में मोर से मिलने गया। वहां उसने देखा कि उस मोर को देखने के लिए हजारों लोग जुटे थे।

सब लोगों के चले जाने के बाद कौआ मोर के पास गया और बोला, प्रिय मोर, तुम तो बहुत ही खूबसूरत हो। तुम्हें देखने रोज हजारों लोग आते हैं। मेरे अनुमान से तुम धरती के सबसे अधिक खुश पक्षी हो।

मोर ने जवाब दिया, मैं हमेशा सोचता था कि मैं सबसे खूबसूरत और खुश हूं, लेकिन मेरी इस सुंदरता के कारण ही मैं इस चिड़ियाघर में फंसा हुआ हूं। मैंने चिड़ियाघर का बहुत ध्यान से परीक्षण किया है और तब मुझे यह अहसास हुआ कि इस पिंजरे में केवल कौए को ही नहीं रखा गया है। इसलिए पिछले कुछ दिनों से मैं इस सोच में हूं कि अगर मैं कौआ होता तो मैं भी खुशी से हर जगह घूम सकता था।

यह कहानी इस संसार में हमारी परेशानियों का सार प्रस्तुत करती है। कौआ सोचता है कि बत्तख खुश है, बत्तख को लगता है कि तोता खुश है, तोता सोचता है कि मोर खुश है जबकि मोर को लगता है कि कौआ सबसे खुश है।

इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि दूसरों से तुलना हमें सदा दुखी करती है। हमें दूसरों के लिए खुश होना चाहिए, तभी हमें भी खुशी मिलेगी। हमारे पास जो है उसके लिए हमें सदा आभारी रहना चाहिए।

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