मोटापे के शिकार मरीजों के लिए बाइपास सर्जरी नहीं है आसान

हृदय की बाइपास सर्जरीएक नए शोध में पता चला है कि मोटापे के शिकार रोगियों को हृदय की बाइपास सर्जरी कराने के 30 दिन बाद तक संक्रमण का खतरा रहता है। कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्ट के शोधकर्ता तसुकु टेरादा ने कहा कि ‘सामान्य बीएमआई वाले मरीजों की तुलना में हमने पाया है कि बीएमआई के 30 से अधिक रोगियों के साथ बाईपास सर्जरी के बाद संक्रमण की संभावना 1.9 गुना बढ़ जाती है।’

रिसर्च टीम ने 56,722 रोगियों को जांच के दायरे में लिया और उनकी बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और विभिन्म परिणामों की कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) और पक्र्यूटैनीयस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई) रिपोर्ट तैयार की। पीसीआई को कोरोनरी एंजियोप्लास्टी भी कहा जाता है।

यह रिपोर्ट कनाडा में हुए मोटापा शिखर सम्मेलन में भी प्रस्तुत की गई।

अस्पतालों में सर्जरी के बाद संक्रमण वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस कारण चिकित्सा लागत भी बढ़ जाती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्ट की असिस्टेंट प्रोफेसर मैरी फरहान ने बताया कि आगे की जांच से शोधकर्ताओं को संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि रोगियों की उचित देखभाल हो रही है, इसके लिए उपकरण ईजाद करने में मदद मिलेगी।”

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