हुआ खुलासा, चीनी लड़के कर रहे हैं पाकिस्तानी लड़कियों की तस्करी…
चीन और पाकिस्तान की गहरी दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। चीन ने जब आतंकी मसूद अजहर को बचाया तो इस दोस्ती का सबूत भी दुनिया को मिल गया।
वहीं चीन आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में सीपीईसी (चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे) का निर्माण कर रहा है। इस परियोजना के काम में भी चीनी नागरिक लगे हुए हैं। ऐसे में जाहिर है कि ये चीनी लोग पाकिस्तान में रह रहे हैं।
बता दें की इसी बीच अब ऐसी कई खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तान में रह रहे ये चीनी वहां की लड़कियों की तस्करी कर रहे हैं। इन लड़कियों से झूठी शादी कर इन्हें चीन ले जाया जाता है। और फिर वहां इन्हें देह व्यापार के धंधे में ढकेल दिया जाता है।
केवल इतना ही नहीं शादी के बाद इन लड़कियों को चीनी भाषा का ज्ञान भी दिया जाता है। चीनी लड़के केवल मुस्लिम नहीं बल्कि ईसाई लड़कियों को भी निशाना बना रहे हैं।
देखा जाये तो गुरुवार को फेडेरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) ने ऐसे गैंग को गिरफ्तार किया है, जो ईसाई लड़कियों की तस्करी कर उन्हें चीन ले जा रहा था।
लेकिन इन लड़कियों को झूठी शादी के नाम पर फंसाया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एफआईए ने फैसलाबाद में हो रही एक शादी में छापा मारा और चांग नाम के चीनी दूल्हे को गिरफ्तार कर लिया।
छापे के बाद लड़की के पिता जाहिद, शादी कराने वाले काशिफ, एक चीनी महिला और कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया। पाकिस्तान के उत्तरी पंजाब और लाहौर में छपी कई रिपोर्ट में कहा गया है कि झूठी शादी के बाद जिन पाकिस्तानी लड़कियों को चीन ले जाया जाता है, वहां उनके शरीर के अंग भी निकाल लिए जाते हैं।
जब एक पाकिस्तानी नेता ने संसद में इस मुद्दे को उठाया तो इस्लामाबाद स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान जारी किया। जिसमें कहा गया कि चीन और पाकिस्तान दोनों कानून के शासन को मानते हैं। और मानव तस्करी और मानव अंगों की बिक्री का दृढ़ता से विरोध करते हैं। वहीं चीन ने इन रिपोर्ट को भ्रामक और आधारहीन बताया।
दरअसल इस मामले पर छपी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव तस्करी करने वाले चीनी नागरिक पाकिस्तान में अवैध मैचमेकिंग सेंटर चला रहे हैं। इन सेंटर के सहारे ये लोग गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी चीनी लड़कों से कराते हैं। यहां तक कि शादी का सारा खर्च उठाने की बात भी करते हैं। इसके बाद झूठी शादी कर लड़कियों को चीन ले जाते हैं।
खबरों के मुताबिक पाकिस्तान की पीड़ित लड़कियों का कहना है कि चीनी लड़कों से शादी करने के बदले उनके परिवार को हर महीने 300 डॉलर मिलते थे। साथ ही परिवार के पुरुष सदस्यों को चीनी वीजा भी मिलता है।
लेकिन एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि ये लोग गरीब परिवार को एक समझौते का लालच देते हैं। जिसमें लिखा होता है कि अगर कोई चीनी उनका दामाद बनेगा तो वो पाकिस्तानी नागरिकता ले लेगा। इसके बाद वो सीपीईसी परियोजना के तहत देश में निवेश करेगा।