हिन्‍दुस्‍तान के इस खास हथियार से अब न आतंकी बचेंगे न ‘दुश्‍मन देश’

हिन्‍दुस्‍तानदिल्‍ली। वह दिन दूर नहीं जब विश्‍व की महाशक्तियों में सिर्फ अमेरिका और रूस का नाम ही नहीं बल्कि अपने हिन्‍दुस्‍तान का नाम भी शामिल  होगा, सिर्फ नाम ही नहीं बल्कि अगर यह कहा जाए कि भारत ही विश्‍व की एकमात्र महाशक्ति कहलाएगा तो यह बड़ी बात नहीं होगी। इसके लिए भारत के वैज्ञानिकों ने कमर कस ली है।

मोदी सरकार द्वारा शुरु किए गए मेक इण्डिया प्रोग्राम के तहत भारत मिसाइल के क्षेत्र में एक नया इतिहास लिखने की तैयारी कर रहा है। भारत ब्रह्मोश, तेजश जैसी मिसाइलें बनाने के बाद अब सूर्य मिसाइल बनाने की तैयारी में जुटा है।

हिन्‍दुस्‍तान बनेगा विश्‍व महाशक्ति

सूत्रों की माने तो अगर भारत अपने इस प्रयास में सफल हो जाता है तो उसे विश्‍व की महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता है। यही नहीं भारत का यह कदम देश के विकास और विश्‍व की मिसाइल मशीनरी के लिए मील का पत्‍थर साबित होगा। कहा जा रहा है कि भारत द्वारा निर्मित की जा रही इस मिसाइल से मात्र एक मिनट में छह देशों में एक साथ तबाही मचायी जा सकती है।

भारत, सूर्य मिसाइल  DRDO (INTERCONTINENTAL BALLISTIC MISSILE ) पर काम कर रहा है, बताया जा रहा  है कि इस मिसाइल का परीक्षण 2017 में हो सकता है । ये मिसाइल एक साथ  कई परमाणु हथियार ले जाने  में सक्षम हैं ।

सूर्य मिसाइल कि मारक क्षमता 10000 से 12000किमी तक है । यह एक  इंटरकॉन्टीनेंटल मिसाइल है । इस मिसाइल के भारतीय सेना में शामिल हो जाने के बाद भारत बैठे- बैठे यूरोप ,एशिया ,अफ्रीका ,अलास्का ,उत्तरी कोरिया ,और कनाडा  पर निशाना साध सकता है ।

बता दें कि अमेरिका के पास पहले  से 13 हज़ार किमी, रूस के पास 10 हज़ार किमी, चीन के पास 14 हज़ार किमी कि मारक क्षमता वाली ये मिसाइल मौजूद है और उम्मीद है जल्द भारत के खेमें में भी इसकी आने पूरी संभानाएँ हैं ।

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