किरण रिजिजू के समर्थन में उतरे महामंडलेश्वर, बताया आबादी बढ़ाने का फार्मूला!

हिन्दुओं में धर्मांतरणखटीमा। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवशेषानंद ने हिन्दुओं में धर्मांतरण के महत्व को रेखांकित करते हुए इस संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू के बयान का समर्थन किया है। डा. अवशेषानंद ने शुक्रवार को रिजिजू के बयान की निन्दा करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केन्द्रीय राज्यमंत्री ने सच्ची बात कही है।

रिजिजू ने सोमवार को कहा था कि देश में हिन्दुओं की आबादी लगातार घट रही है, क्योंकि वे धर्मांतरण नहीं कराते। उन्होनें कांग्रेस नेताओं को इस तथ्य से भी अवगत कराया था कि इस देश में सभी धर्मों के लोगों को आजादी है और यहां सभी शांतिपूर्वक रहते हैं।

डा. अवशेषानंद ने कहा कि जिस संदर्भ में केन्द्रीय मंत्री ने यह बयान दिया है, उसमें शिष्टभाषा में इससे ज्यादा सटीक बात और कुछ नहीं कही जा सकती थी। उन्होंने कहा, “जब अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उस उत्तर पूर्वी सीमावर्ती राज्य को ‘हिन्दू प्रदेश’ में बदलने का प्रयास करने का बेबुनियाद आरोप लगाया तो, इसका प्रामाणिक ढंग से खंडन ऐसे ही किया जा सकता था।”

डा. अवशेषानंद ने कहा कि हिन्दुओं को भी धर्मांतरण पर सोचना चाहिए, क्योंकि यह उनका संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश को हिन्दू प्रदेश बनाने का प्रयास करने का आरोप हालांकि निराधार है, फिर भी यदि ऐसा हुआ भी तो इससे अन्य धर्मों के लोगों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं होता।

महामंडलेश्वर ने कहा कि किसी राज्य को हिन्दू राज्य तथा भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का मुद्दा उठाने वालों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व का परंपरागत हिन्दू राष्ट्र नेपाल भी अब धर्मनिरपेक्ष बन गया है, तो फिर वैश्वीकरण के इस युग में भारत कैसे ऐसा प्रतिगामी कदम उठा सकता है। आज के भूमंडलीकरण के युग में अब हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना न तो व्यावहारिक है और न ही स्वीकार्य।

महामंडलेश्वर ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि धर्मांतरण को हिन्दू धर्मगुरु ही मान्यता नहीं देते। और तो और, हिन्दू धर्म से ही अन्यत्र गए लोगों की घर वापसी को भी मान्यता नहीं मिलती। उन्होंने वरिष्ठ धर्मगुरुओं से अनुरोध किया कि वे इस प्रतिबंध को हटाने की दिशा में पहल करें।

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