दंगों के बीच भी कायम एकता, हिन्दू के लिए इकट्ठा किए 2000 रु
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बशीरहाट में सोशल मीडिया पर एक नाबालिग द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने के बाद हुई हिंसा में कई मुसलमानों ने इलाके में रह रहे हिन्दुओं पर हमला किया था और उनके घरों और दुकानों में तोड़फोड़ कर दी थी।
वहीं मोहम्मद नूर इस्लाम गाजी ने अपने साथ कई मुसलमानों को इकट्ठा किया और स्थानीय निवासी अजय पाल की पान बीड़ी की दुकान पर गए। वे यहां लड़ने नहीं बल्कि पाल की मदद के लिए आए थे।
गाजी और अन्य मुसलमानों ने पाल से बात की और उससे फिर से अपनी दुकान खोलने की बात कही। इसके साथ ही पाल को उन्होंने समझाया कि वो उनसे 2 हजार रुपए ले ले और अपनी रोजी रोटी चलाएं।
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जनसत्ता की खबर के अनुसार, गाजी एक स्थानीय व्यापारी हैं। वे और अन्य मुसलमान अपने हिन्दू पड़ोसियों की मदद के लिए आगे आए हैं। इस हिंसा में करीब 100 घरों और दुकानों में तोड़फोड़ एवं लूटपाट की गई थी। इस पर बात करते हुए गाजी ने कहा कि बाबरी मस्जिद के तोड़े जाने के बाद भी हमारे इलाके में बहुत शांति थी लेकिन जो मंगलवार को हुआ वह सही नहीं था।
इस हिंसा में कुछ बाहर के लोग और कुछ स्थानीय लड़के शामिल थे। इस निंदनीय घटना के बाद अब हमें अपने हिन्दू पड़ोसियों के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे हैं ताकि इससे उनके नुकसान की भरपाई हो सके और वे एक नई शुरुआत कर सकें।
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वहीं इस हिंसा पर बात करते हुए अजय पाल ने कहा कि घटना में मैंने अपना काफी सामान खो दिया और 15 हजार रुपए लोग लूट कर ले गए। उन्होंने सारा सामान दुकान के बाहर निकाल कर फेंक दिया। मैं नहीं जानता कि क्यों मेरे पड़ोसी और मुस्लिम दोस्त दोबारा से काम शुरु करने के लिए मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। मैंने अभी उनसे मदद नहीं ली है लेकिन इस पर मैं जल्दी ही कोई फैसला लूंगा। वहीं अन्य स्थानीय निवासी रुमा डे को भी 2 हजार रुपए की मदद की पेशकल की गई है। इसी तरह मस्जिदपाड़ा, भयाबला, छपाड़ा के रहने वाले मुस्लिम आगे आकर हिन्दुओं की मदद कर रहे हैं। मस्जिदपाड़ा के रहने वाले इरशाद अली गाज़ी का कहना है कि मेरे कई बचपन के साथी हैं जो कि हिन्दु हैं। इस हिंसा में उनको काफी नुकसान पहुंचा है इसलिए हमसे जो मदद बन पाएगी हम वो जरूर करेंगे।