अगर चाहते हैं बच्चे न हों 50-50, तो 20-20 की स्पीड से करें ये काम

हार्मोनल गड़बड़ीलखनऊ। मानव शरीर में कभी भी कोई भी कमी हो सकती है। लेकिन जब तक यह कमियां जीवन को प्रभावित नहीं करती तबतक हम इन्‍हें नजरअंदाज करते रहते हैं। अक्‍सर बच्‍चों के जन्‍म के दौरान हार्मोनल गड़बड़ी की वजह से कई समस्‍या होने लगती हैं। डॉक्‍टर्स के मुताबिक अगर जन्‍म से इन बातों पर ध्‍यान दिया जाए तो इस समस्‍या से छुटकारा मिल सकता है।

डॉक्‍टर्स के मुताबिक जननांगों में गड़बड़ी सब्‍जियों और फलों को बिना धोए खाने से होती है। सब्‍जियों और फलों में मौजूद फर्टिलाइजर स्‍वास्‍थय के लिए बहुत हानीकारक होता है। फलों को यदि अच्‍छे से धुलकर न खाएं तो यह फर्टिलाइजर क्रोमोजोम्‍स तक पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

लखनऊ के संजय गांधी पोस्‍ट ग्रेजुएट इंस्‍टीट्यूट (एसजीपीजीआई) के पीडियाट्रिक यूरोलॉजिस्ट डॉ. एमएस अंसारी ने इससे जुड़ी कई बातों पर प्रकाश डाला है। डॉ. बताते है कि पीजीआई में हर साल ऐसे केस आते है जिसमें उन्‍हें ऑपरेशन की सहायता से लड़के से लड़की या लड़की से लड़का बनाते हैं। डॉ.कहते हैं कि, हार्मोनल गडद्यबड़ी की वजह से ऐसा होता है।

ऐसा कई बार होता है कि लड़की से लड़का बनाने से भविष्‍य में कई और दिक्‍कतें होने लगती हैं। ऐसा करने से बच्‍चे न पैदा कर पाने की समस्‍या हो सकती है। या उम्र भर हार्मोन थेरेपी देनी पड़ सकती है। इसलिए कोशिश यही रहती है कि लड़की से लड़का बनाया जाए।

कई बार ऐसा भी होता है इन ऑपरेशन का उल्‍टा असर पड़ जाता है। अंदर से लड़की के अंग हो और ऊपर से लड़का बनाने में व्‍यवहार और रहन सहन के ढंग में अंतर होने लगता है।

डॉक्टर्स के मुताबिक बहुत से बच्चों में जन्‍म के समस से ही ऐसी दिक्‍कत होने पर पेशाब का रास्ता ठीक जगह नहीं बना होता है। जिसे समय से ऑपरेशन कर पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इस ऑपरेशन को हाइपोस्पेडियास कहते हैं।

एसजीपीजीआई में 3 मार्च यानी आज से 5 मार्च तक इंटरनेशनल पीडियाट्रिक एंड एडोलीसेंट यूरोलॉजी वर्कशाप का आयोजन किया गया है। इस वर्कशॉप में विदेश के एक्सप‌र्ट्स भी हिस्‍सा होंगे।

 

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