हार्दिक पटेल को लेकर गुजरात में बीजेपी-कांग्रेस में मचा घमासान…

अहमदाबाद। उच्चतम न्यायालय द्वारा कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की सजा पर रोक की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार करने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उनपर तंज कसते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने उनका ‘पर्दाकाश’ होने से बचा लिया। उधर, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा युवा पटेल नेता से डर रही है।

दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली पटेल की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने 2015 के विसपुर दंगा मामले में पटेल की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की अर्जी को खारिज कर दिया था। इससे लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी संभावना पर पानी फिरता लग रहा है।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पटेल पर तंस कसते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला सही मायनों में कांग्रेस नेता के लिए ‘‘राहत लेकर आया है’’, नहीं तो चुनाव में उनका ‘पर्दाफाश’ हो जाता।

कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी पटेल से डर गई है।

रूपाणी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हार्दिक पटेल ने जामनगर से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन अदालत ने उन्हें अब सही मायनों में राहत दी है, नहीं तो (चुनाव में हार कर) उनका पर्दाफाश हो जाता।’’

पटेल पर प्रदेश भाजपा प्रमुख जीतू वाघानी ने भी हमला किया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव मैदान में उनका मुकाबला करने को तैयार है।

वाघानी ने कहा कि उन्हें अब भी उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय पटेल को चुनाव लड़ने का मौका देगा।

प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘ आपमें हिम्मत है तो हमारा जामनगर में या गुजरात में कहीं भी मुकाबला करें। मुझे अब भी उम्मीद है और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उच्चतम न्यायालय उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दे।’’

गुजरात कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने अभी मामले की सुनवाई नहीं की है और पार्टी को उम्मीद है जब भी आदेश आएगा वो पटेल के पक्ष में होगा। पटेल ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई की थी। वह पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि भले ही पटेल को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिले, वह रैलियों को संबोधित करेंगे और ‘भाजपा का पर्दाफाश’ करेंगे।’’

दोशी ने कहा, ‘‘ भाजपा स्पष्ट रूप से युवा पाटीदार नेता से डर गई है, इसलिए वह उनकी याचिका का इतना विरोध कर रही है ताकि उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिले।’’

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जामनगर में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र करने की अंतिम तारीख चार अप्रैल है। जन प्रतिनिधित्व कानून और उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के मुताबिक, अगर किसी दोषी व्यक्ति को दो साल से ज्यादा की सजा मिले तो वह तब तक चुनाव नहीं लड़ सकता जब तक उसकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई जाती है।

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