अगर बचना है हानिकारक अल्‍ट्रावायलेट किरणों से, तो ऐसी सनस्‍क्रीन का करें इस्‍तेमाल

हानिकारक अल्ट्रावायलटनई दिल्ली। अपनी त्वचा को कालेपन और हानिकारक अल्ट्रावायलट (यूवी) किरणों से बचाने के लिए त्वचा की प्रकृति को समझें और उसके अनुरूप मैट फिनिश और उचित एसपीएफ की सनस्क्रीन चुनें।

‘आईसैक’ की त्वचा विशेषज्ञ और चिकित्सा निदेशक गीतिका मित्तल गुप्ता ने कुछ टिप्स साझा की हैं-

  • अपनी त्वचा की प्रकृति को समझें और उसके अनुरूप उचित सनस्क्रीन चुनें। अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो जेल या स्प्रे आधारित सनस्क्रीन चुनें। शुष्क त्वचा वाले लोगों को लोशन या क्रीम आधारित सनस्क्रीन का चुनाव करना चाहिए। यह सूर्य की किरणों से सुरक्षा और नमी दोनों प्रदान करेगी।
  • मैट फिनिश वाली सनस्क्रीन चुनें। इससे आपके चेहरे पर ताजगी बनी रहेगी।
  • यूवीए किरणों से रंजकता और फोटोएजिंग की समस्या होती है, जबकि यूवीबी किरणें त्वचा के कालेपन और त्वचा कैंसर का कारण होती हैं। इसलिए दोनों प्रकार की हानिकारक किरणों से बचाव के लिए ब्रॉड स्पेक्ट्रम कवरेज जरूरी है। यूवीबी सुरक्षा के लिए ‘एसपीएफ’ और यूवीए के लिए ‘पीए’ का चिन्ह देखें।
  • यूवीबी से सुरक्षा के लिए कम से कम एसपीएफ 30 और यूवीए सुरक्षा के लिए पीए प्लस प्लस लें।
  • पैक पर सामग्री की सूची देखें। सनस्क्रीन में ऑक्सीबेंजोन न हो क्योंकि यह त्वचा के लिए हानिकारक होता है और इससे एलर्जी भी हो सकती है।
  • ध्यान रखें कि सनस्क्रीन जितनी नई होगी, उसका प्रभाव भी उतना ही बेहतर होगा।
LIVE TV