हाथ की इस उंगली में अगर पहन ले पन्ना तो दोगुनी हो जाएंगी खुशियां

दक्षिण महानदी, हिमालय और गिरनार के आस-पास क्षेत्र से प्राप्त किया जाने वाला पन्ना रत्न आमतौर पर लोगों को पसंद आ ही जाता है। पन्ना कई प्रकार का होता है और इसके अलग-अलग गुण और प्रभाव हैं। पन्ना कई प्रकार का होता है

लेकिन आमतौर पर इसके पांच प्रकार देखने को मिलते हैं। एक पन्ना दिखने में तोते के पंख के जैसे रंग का होता है। जबकि दूसरा पानी के रंग जैसा यानि की रंगहीन होता है। तीसरा सरेस के फूलों जैसे और चौथा मयूरपंख जैसा होता है। इसी तरह इसका पांचवां प्रकार है हल्के संदुल पुष्प के जैसा। यह काफी नरम पत्थर होता है और काफी महंगा भी है। लिहाजा इसके मूल्य को रंग, रूप और चमक के साथ वजह के आधार पर तय किया जाता है। पन्ना धारण करने वाला व्यक्ति कई मुश्किलों को आसानी से हल कर लेता है। इसे धारण करने के बाद कई अनिश्चितताएं निश्चितता में बदल जाती हैं। वहीं यह रोग निरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इसके साथ ही बलवर्धक भी माना जाता है।

दोषपूर्ण पन्ना नुकसानदेह

‘ जो जाल सा गुंथा दिखे, ऐसा पन्ना अशुभ माना जाता है। इसके धारक को अस्वस्थता होती है।

‘ छोटी-छोटी टूटी धारियों वाला पन्ना वंशवृद्धि के लिए घातक सिद्ध होता है।

‘ खुरदरा पन्ना धारण करने वाले के पशुधन का नाश होता है।

‘ बिना चमक का पन्ना धनहानि देता है।

‘ सुनहरे रंग का पन्ना तो हर प्रकार के कष्ट का कारक है।

‘ पन्ने में अगर रक्त के समान बिंदु दिखे तो ये सुख-संपत्ति का विनाश करता है।

‘ शहद जैसे रंग का पन्ना माता-पिता के लिए कष्टप्रद होता है।

‘ पीली बिंदियां दिखने वाले पन्ने को कभी न पहनें, इससे पुत्र नाश की स्थिति पैदा होती है।

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