जीएसटी के बारे में फैली अफवाहों पर तिलमिलाए रेवेन्यू सेक्रेटरी, कहा…

हसमुख अधियानई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में गुडस एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू किया था। इसके बाद कुछ लोगों ने जीएसटी के बारे में सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें फैला दी। इन अफवाहों को कही आप सच न मान ले और जीएसटी को गलत न समझे, इसलिए रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने जीएसटी के बारे में लोगों के भ्रम को ख़त्म करने की कोशिश की है।

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रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने जीएसटी के तमाम फायदे बताए।

उन्होंने कहा कि कारोबारियों को आइडेंटिफिकेशन नंबर (GSTIN) का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। जीएसटी के तहत कारोबारी अपनी प्रोविजनल आईडी के साथ काम चालू रख सकते हैं।

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हसमुख के मुताबिक आपकी प्रोविजनल ID ही आपका फाइनल GSTIN नंबर होगा।

उन्होंने बताया कि कारोबारियों को बिल और रसीदें कंप्यूटर या इंटरनेट पर जेनरेट करने की आवश्यकता नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि कारोबारियों को भ्रम है कि जीएसटी रेट्स वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) के मुकाबले अधिक है। लेकिन ऐसा नहीं है।

हसमुख ने कहा कि कारोबारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे फ़ौरन टैक्स दायरे में आने वाले हर बिजनेस का नया रजिस्ट्रेशन करवाएं।

हसमुख के मुताबिक कारोबारों को लगता है कि जो बिजनेस नई व्यवस्था के तहत टैक्स के दायरे में आए हैं, उन्हें अपना कारोबार शुरू करने से पहले नया रजिस्ट्रेशन कराना होगा। लेकिन ऐसा नहीं है।

ऐसे कारोबारी अपना कारोबार जारी रख सकते हैं और 30 दिनों के भीतर अपनी रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं।

हसमुख ने कहा कि छोटे थोक व्यापारीयों को अपने रिटर्न फॉर्म में इनवॉइस के आधार पर ब्योरा नहीं देना होगा। उनको केवल एक रिटर्न फॉर्म भरना होगा। लेकिन अन्य दो फॉर्म कंप्यूटर द्वारा ऑटो पॉपुलेटेड होंगे।

उन्होंने कहा कि अफवाहों ने लोगों के बीच ऐसा भ्रम पैदा कर दिया है कि हर महीने कम से कम तीन रिटर्न भरने होंगे। लेकिन ऐसा नहीं है

लोगों को केवल एक रिटर्न भरना होगा, जिसे तीन हिस्सों में बांटा गया है। इसमें पहले रिटर्न को छोड़ बाकि दोनों कंप्यूटर पर जनरेट होंगे।

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