जानिए क्या है हर्निया बीमारी और इसके होने के कारण व लक्षण

हर्निया महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक होता है। हर्निया शरीर में कहीं भी हो सकता है लेकिन पेट के निचले हिस्से में ज्यादातर होता है | जिसका इलाज ऑपरेशन से ही मुमकिन है। हालांकि कुछ सावधानियां बरतकर इस समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है।

जानिए क्या है हर्निया बीमारी और इसके होने के कारण तथा इसके लक्षण ?

हर्निया क्या है

हर्निया एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के किसी अंग का सामान्य से अधिक विकास होने लगता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है लेकिन ज्यादातर पेट में हर्निया होना सबसे सामान्य है,  जब पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और इसके कारण आंतें बाहर निकल आने की समस्या होती है तब यह स्थिति पेट की हर्निया कहलाती है जो पुरुषों व महिलाओं दोनों को हो सकती है।

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हर्निया के प्रकार

हर्निया बहुत तरह की हो सकती है, चलिए आज हम आपको हर्निया के अलग-अलग प्रकार के बारे में बताते हैं

हर्निया के कारण

  • हर्निया के जन्मजात कारण भी हो सकता हैं। कई मामलों में बचपन से ही हर्निया होती हैं, लेकिन इसके लक्षण 23 से 30 साल के बीच उस समय उभरते हैं, जब मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं।
  • बच्चों एवं पुरुषों में जन्मजात अथवा अचानक वजन बढ़ने जैसे अन्य कारणों से होने वाली हर्निया जाँघ में (ग्रोइन एरिया) में ही होती है।
  • मांसपेशियों को जरूरत से ज्यादा समय के लिए खिंची और तनी अवस्था में रहने के लिए बाध्य कर दे, जैसे भारी वजन उठाना, पेशाब और मल त्याग के लिए बहुत जोर लगाना |
  • फेफड़ों में इन्फेक्शन की वजह से लगातार बनी रहने वाली खांसी, बच्चों को होने वाली काली खांसी वगैरह भी इसके कारण हो सकते है |
  • इसी तरह जिन व्यक्तियों को अपने रोजगार के सिलसिले में भारी वजन उठाना पड़ता है या घंटों खड़ा रहना होता है, उन्हें भी इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है |
  • गर्भावस्था या पेट में मौजूद किसी ट्यूमर या अत्यधिक मात्रा में अस्वाभाविक स्राव के जमा हो जाने की दशा भी मांसपेशियों पर खराब असर डालती है और उन्हें कमजोर कर देती है |
  • शरीर में अत्यधिक चरबी की मौजूदगी भी इस बीमारी के लिए उत्तरदायी हो सकती है |
  • हर्निया वैसे तो शरीर में कहीं भी हो सकता है लेकिन प्रमुखता से तीन ही जगहों पर ही सबसे ज्यादा होता है. ये स्थान हैं-पेट के बीच में ऊपरी सिरे पर, नाभि और उस के आसपास (umbilical hernia) और पेट व जंघा संधि स्थान (inguinal or femoral hernia). पर इन तीनों में भी संधि स्थल पर होने वाले हर्निया का अनुपात सबसे ज्यादा है |
  • पुरुषों में अधिक उम्र में वजन में अचानक परिवर्तन के अलावा प्रोस्टेट की समस्या, खाँसी, कब्ज़ और पेशाब करने में दिक्कत जैसे कारणों से भी हर्निया होने की आशंका बढ़ती हैं, क्योंकि इन कारणों से पेट पर अधिक जोर पड़ता है।
  • हर्निया की समस्या हालाँकि पुरुषों एवं महिलाओं दोनों में पाई जाती है, लेकिन पुरुषों में यह बीमारी महिलाओं की तुलना में तकरीबन आठ गुना अधिक होती है। हर्निया के बहुत अधिक समय तक रहने के कारण आँत के फटने जैसी समस्या हो सकती है।
  • किडनी या लिवर की फेल होने वाले मरीजों में भी हर्निया होने की आशंका ज्यादा होती है।
  • अगर प्रेग्नेंसी में प्रोटीन कम लें या पूरा पोषण नहीं हो तो मसल्स कमजोर हो जाती हैं जो हर्निया होने का कारण बन सकती है ।
  • अगर किसी हिस्से में सर्जरी हुई है और वहां प्रेशर पड़ता है तो हर्निया होने की आशंका होती है।
  • सिजेरियन ऑपरेशन में पेट के बीच में टांके लगाए जाएं तो भी हर्निया के चांस बढ़ जाते हैं।

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हर्निया के लक्षण

वैसे हर्निया के कोई खास लक्षण नहीं होते लेकिन इसकी वजह से सूजन व दर्द की शिकायत हो सकती है जो मांसपेशियों में खिंचाव पड़ने व कुछ भारी सामान उठाने पर बढ़ भी सकती है। वजन के बढ़ने, लगातार खांसी व छींके आने, कब्ज व भारी सामान उठाने से भी हर्निया की समस्या बढ़ जाती है जिस जगह पर हर्निया होती है, उस जगह पर एक उभार आ जाता है। अगर दर्द असहनीय हो तो इससे ऑपरेशन के जरिए ही राहत पहुंचाई जा सकती है।

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