हरीश रावत भागीरथी मास्टर प्लान के खारिज होने से नाराज, दिल्ली में देंगे धरना
देहरादून। हरीश रावत दिल्ली में एनजीटी के आगे आज धरना देंगे। दरअसल वो भागीरथी मास्टर प्लान के खारिज होने से हैं बेहद नाराज हैं। क्योंकि केन्द्र सरकार ने भागीरथी मास्टर प्लान को खारिज कर दिया है। इसके विरोध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत दिल्ली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) के आगे धरना देंगे।
केन्द्र ने प्रदेश सरकार के द्वारा भेजे गए प्लान पर जो टिप्पणी की है उस पर भी हरीश रावत ने अपनी नाराजगी जताई है। वन मंत्रालय के द्वारा एनजीटी में दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है कि उत्तराखंड सरकार ने जो जोनल मास्टर प्लान बनाया है वो स्वीकार करने के लायक नहीं है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सराकर ने भागीरथी पर्यावरण संवेदी क्षेत्र के विकास के लिए जोनल मास्टर प्लान बनाया था। प्रदेश सरकार का कहना 2012 में जारी अधिसूचना के कारण इस क्षेत्र का विकास रुका हुआ था।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय में हुई बैठक में कहा गया कि राज्य सरकार को जोनल प्लान हिमालयी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार की तरफ से रखी गई मांगों को मानने से मना कर दिया है। अब इसके विरोध में मुख्यमंत्री हरीश रावत दिल्ली में एनजीटी के कार्यालय बाहर धरना देंगे। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि वो कब धरना देंगे।