स्‍टीव वॉ चाहते हैं एडम गिलक्रिस्ट होना चाहिए था ऑस्ट्रेलिया का कप्तान

एडम गिलक्रिस्टपूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने एडम गिलक्रिस्ट को ऑस्ट्रेलियाई टीम का सदी के सबसे बड़े खिलाड़ी का दर्जा दिया है। भारत के विरुद्ध बॉर्डर गावस्कर सीरीज (2003-2004) के दौरान टीम से संन्यास लेने वाले स्टीव वॉ ने कहा, कि यह मेरे लिए काफी गर्व और सम्मान की बात है, कि मेरी कप्तानी में एडम जैसे खिलाड़ी खेले।

स्टीव वॉ ऐसे खिलाड़ी है जिन्हें ऑस्ट्रेलिया टीम का सबसे बड़ा सूत्रधारक माना जाता है।  साल 1986 में अपना पर्दापण करने वाले वॉ ने, अपने करियर के शुरुआती दौर में काफी उतार-चढ़ाव देखे।  कई बार तो टीम से उन्हें इसलिए भी ड्रॉप किया गया, क्यूँकि उस समय उनके भाई मार्क वॉ बहुत बढ़िया प्रदर्शन कर रहे थे।  पर कुछ वक़्त बाद टीम के कप्तान मार्क टेलर के संन्यास के बाद स्टीव वॉ को टीम का नया कप्तान नियुक्त किया गया।

जब वॉ ने अपनी कप्तानी की शुरुआत की तब गिलक्रिस्ट ऑस्ट्रेलियाई टीम में अपनी जगह पक्की कर रहे एक विकेटकीपर और एक बल्लेबाज के रूप में इयान हिली के स्थान पर।

स्टीव वॉ ने कहा, कि एडम ने अपने खेलने के तौर-तरीको से खेल के आयाम ही बदल दिए।  क्रिकेट खेलने का तरीका दुनिया को सिखाया।  एडम अपने आप में एक उम्दा ख़िलाड़ी थे।

वॉ ने कहा कि जब एडम अपने करियर के चर्म पर थे तब उन्हें टीम का कप्तान बना देना चाहिए था।  क्यूँकि एक विकेटकीपर के पास खेल को बारीक़ से जाँचने और समझने का हुनूर होता है, जो टीम के लिए आगे चलकर बेहद अहम रोल निभा सकता है।

साल 1999 में टेस्ट करियर आरम्भ करने वाले गिली अपने टाइम के सबसे लाजवाब और स्टाइलिश ओपनिंग बल्लेबाज थे वनडे फॉर्मेट में।  अपने टाइम पर उन्होंने अपनी बल्लेबाजी कला से बाकी विकेटकीपर्स पर काफी दबाव डाला बढ़िया बल्लेबाजी करने का।

क्रिकेट से संन्यास लेने का बाद वॉ दुनिया में खुद को सबसे खुश व्यक्ति मानते है, उन्होंने कहा कि,“मेरे संन्यास के बाद भी रिकी पोटिंग की कप्तानी में भी गिली में कोई बदलाव नही आया और वो अपने उसी आक्रामक अंदाज़ में खेलते रहे जैसे पहले खेलते थे। ”

ऑस्ट्रेलियाई टीम में जीत का स्वाद चखने की शुरुआत वॉ के समय में की थी जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पुरे क्रिकेट जगत पर राज किया।

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