अच्छा खान-पान होने के बावजूद स्वस्थ नही है, तो जानें क्या हैं कारण…

आज कल आपने देखा होगा की अचानक हमारे शहरों में जिम,योग क्लासेज की बाड़ सी आ गई है। सभी लोग अचानक सेहत बनाने की तरफ ध्यान देने लगे है । कई योग करने लगे है कई जिम जाने लगे है। कोई व्यायाम करने लगे है ।

अच्छा खान-पान होने के बावजूद स्वस्थ नही है, तो जानें कहीं ये कारण तो नही...

आजकल के वातावरण को देखते हुए और भागदौड़ भरी ज़िन्दगी को देखते हुए ये सब जरुरी भी है। लेकिन जल्दी जल्दी सेहत बनाने के चकर में कभी-कभी हम गलत चीज़े भी खा जाते है और सेहत बनाने की जगह सेहत बिगाड़ लेते है तो क्या करे? दोस्तों हम आप को बतांगे कब और क्या खाना है।

सही मौसम में करे सही चीज़ों का सेवन:
क्या कभी आपने ये सोचा है, कि पुदीने की चटनी,निम्बू पानी, जल जीरा,गन्ने का रस इन सब का सेवन हम गर्मी में ही क्यों करते है? क्यों की इन की तासीर ठंडी होती है। गर्मी में ये हमारे शरीर को ठंडक प्रदान करते है और प्रकर्ति भी इन्हें गर्मी में ही उगाती है।

हमारे बुज़ुर्ग पहले मौसम के हिसाब से खान पान करते थे। जैसे सर्दियों में मक्की की रोटी सरसों का साग,गाजर का हलवा ,अलसी के लडू आदि। और वो सब स्वस्थ भी रहते थे। वो सर्दी की चीजें गर्मी के मौसम में नहीं खाते थे क्यों की सर्दियों में ये सब चीज़े शरीर को गर्मी प्रदान करती है।

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लेकिन अब तो सब चीज़े किसी भी मौसम में मिल जाती है और हम उन्हें खा भी लेते है। बिना ये जाने की हमारी सेहत पर इनसब का क्या असर होगा। कभी आपने गर्मी में स्वेटर पहना है नहीं न क्यों ! क्यों की हमारा शरीर रियेक्ट करता है। ऐसे ही जब हम मौसम के विपरीत चीज़े खाएँगे तो हमारे शरीर भी उसके अपोजिट रियेक्ट करेगा और हमे तकलीफ होगी।

दही के साथ क्‍या न खाएं :
दही के साथ खासतौर पर खट्टे फल नहीं खाने चाहियें । दरअसल, दही और फलों में अलग-अलग एंजाइम होते हैं। इस कारण वे पच नहीं पाते, इसलिए दोनों को साथ लेने की सलाह नहीं दी जाती। दही की तासीर ठंडी है। उसे किसी भी गर्म चीज के साथ नहीं लेना चाहिए।

मछली की तासीर काफी गर्म होती है, इसलिए उसे दही के साथ नहीं खाना चाहिए। आयुर्वेद के मुताबिक परांठे या पूरी जैसी तली-भुनी चीजों के साथ दही नहीं खाना चाहिए क्योंकि दही फैट के डाइजेशन में रुकावट पैदा करता है। दही के साथ खजूर और चिकन खाना हानिकारक हो सकता है।

दूध के साथ क्‍या न खाएं :
दूध एक एनिमल प्रोटीन है। उसके साथ तली-भुनी चीजों को खाने से रिएक्‍शन हो सकता है। दूध के साथ नमकीन चीजों को नहीं खाना चाहिए। दूध वाली चाय के साथ कोई भी नमकीन चीज नहीं खानी चाहिए। नमक के मिलने से मिल्‍क प्रोटीन जम जाता है और उसके पोषण में कमी आ जाती है। दूध के साथ फल भी नहीं खाने चाहिए।

दूध में फल मिलाकर खाने से दूध में मौजूद कैल्‍श्यिम फलों के एंजाइम को सोख लेता है। इससे शरीर को फलों का पोषण नहीं मिल पाता। इसके अलावा उड़द की दाल खाने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए। हरी सब्‍जियां और मूली चाहिए। इनको एक साथ खाने से डाइजेशन में दिक्‍कत आ सकती है।

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प्रोटीन को खाए कुछ इस तरह की आपकी मांसपेशिया हो जाये विकसित:
क्या आप जानते है कि कौन से फल एक साथ नही खाने चाहिए । संतरा और केला एक साथ नहीं खाना चाहिए क्योंकि खट्टे फल मीठे फलों से निकलने वाली शुगर में रुकावट पैदा करते हैं, जिससे पाचन में दिक्कत हो सकती है। साथ ही, फलों की पौष्टिकता भी कम हो सकती है।

अंडे में बहुत प्रोटीन होता है जो आपके मासपेशियों को विकसित करने में मदद करता है। ध्यान रहे कभी भी भूल कर अंडे के साथ केला और दूध न ले ये पेट में जाकर गैस बनाता है। जिससे आप को बहुत नुकसान हो सकता है।

शहद के साथ क्‍या न खाएं :
शहद को कभी गर्म करके नहीं खाना चाहिए। चढ़ते हुए बुखार में भी शहद का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे शरीर में पित्त बढ़ता है। शहद और मक्‍खन एक साथ नहीं खाना चाहिए। घी और शहद कभी एक साथ में नहीं खाना चाहिए। यहां तक कि पानी में मिलाकर भी शहद और घी का सेवन नुकसानदेह हो सकता है।

कुछ और ऐसी चीज़ें है जिन्हें एक साथ कभी न खाना चाहिए : 

मछली के साथ काली मिर्च नहीं खानी चाहिए। मछली खाने के बाद भी काली मिर्च खाने से नुकसान हो सकता है।

तिल के साथ पालक का सेवन नहीं करना चाहिए। यही नहीं तिल के तेल में कभी भूलकर भी पालक न बनाएं। ऐसा करने से डायरिया हो सकता है।

10 दिन तक कांसे के बर्तन में रखे घी को नहीं खाना चाहिए।
पीली छतरी वाले मशरूम सरसों के तेल में नहीं खाने चाहिए।

ठंडे पानी के साथ घी, तेल, खरबूज, अमरूद, खीरा, जामुन और मूंगफली नहीं खानी चाहिए।
खीर के साथ सत्तू, शराब, खटाई और कठहल नहीं खाना चाहिए।चावल के साथ सिरका नहीं खाना चाहिए।

हमारे बुज़ुर्ग मौसम के हिसाब से और चीजों की तासीर के हिसाब से खाना खाते थे और लम्बे समय तक स्वस्थ रहते थे | हालाँकि मार्डन साइंस इन सब बातो को उतना महत्त्व नहीं देता लेकिन हमारे आयुर्वेद में इनका विस्तार से विवरण किया गया है |

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