एजुकेशन मिनिस्टर की डिग्री पर सवाल, कोर्ट ने मांगे जवाब
नई दिल्ली। बीते कई दिनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा को लेकर मचा विवाद उनकी डिग्री के सामने आते ही शांत हो गया, लेकिन अब एजुकेशन मिनिस्टर स्मृति ईरानी की डिग्री के विवाद ने तूल पकड़ ली है। दरअसल दिल्ली की एक अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए हैं कि एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने अपने चुनावी शपथ पत्र में अपनी शिक्षा से जुड़े जो दस्तावेज जमा किए हैं, वह उन्हें पेश करें।
स्मृति ईरानी की डिग्री पर उठे सवाल
स्मृति ईरानी पर आरोप है कि साल 2004, 2011 और 2014 के चुनाव में शपथ पत्र में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में फर्जी और गुमराह करने वाली सूचनाएं देने का आरोप है। इसको लेकर महानगर दंडाधिकारी हरविंदर सिंह ने निर्वाचन आयोग को छह जून को होने वाली अगली सुनवाई पर स्मृति ईरानी द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों को लाने के लिए कहा है। वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने अदालत में स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता से जुड़े दस्तावेज पेश किए हैं।
गुजरात के साथ उत्तर प्रदेश के अमेठी के निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने भी अदालत में स्मृति के चुनावी शपथ पत्र को पेश किया है। अदालत अहमर खान नाम के एक व्यक्ति की निजी शिकायत पर सुनवाई कर रही है। खान ने आरोप लगाया है कि स्मृति ईरानी ने अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में निर्वाचन आयोग के समक्ष लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा के लिए जो तीन शपथ पत्र दायर किए हैं, उनमें उनकी योग्यता घटती-बढ़ती रही है।
खान ने अप्रैल में दायर अपनी शिकायत में एजुकेशन मिनिस्टर स्मृति ईरानी की डिग्री पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने मंत्री पर शपथ लेकर अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में कथित रूप से झूठ बोलने को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। खान के वकील के. के. मेनन और अंजली राजपूत ने आरोप लगाया कि स्मृति ने साल 2004 में दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के दौरान शपथ पत्र में खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरस्पांडेंस के 1996 बैच का बी.ए. बताया है।
वकीलों ने कहा कि वर्ष 2014 में जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा तो शपथ पत्र में कहा कि उन्होंने 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग से बी.कॉम (पार्ट-1) किया है। वकीलों ने कहा कि गुजरात से राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए 11 जुलाई 2011 के शपथ पत्र में उन्होंने कहा कि उनकी सर्वोच्च शैक्षिक योग्यता दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरस्पांडेंस से बी. कॉम. (पार्ट-1) है।