सोमवार को इस तरह करें महादेव की पूजा, मान-सम्मान में होगी वृद्धि
हिंदू धर्म में अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा के लिए अलग-अलग वार (दिन) हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। यही वजह है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। प्राचीन समय में भी लोग भगवान शिव की पूजा अर्चना इस दिन करते थे। आइए जानते हैं कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का क्या महत्व है?
सोमश्वर व्रत:
पौराणिक मान्यताओं में सोमवार को भगवान शिव के व्रत को सोमश्वर व्रत कहा गया है। सोमश्वर से अर्थ है शिव (चंद्रदेव के आराध्य) और इसका एक अन्य अर्थ है चंद्रमा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब श्राप के कारण चंद्र देव कुरूप हो गए थे तो वो सोमवार के दिन ही भगवान शिव की पूजा अर्चना किया करते थे ताकि वो अपना रूप दोबारा प्राप्त कर सकें। यही वजह है कि सोमवार को भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से चंद्र देव और भगवान शिव दोनों ही प्रसन्न होते हैं।
पूरी होती हैं मनोकामनाएं:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव सोमवार का व्रत करने वाले जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।