सॉफ्टवेयर इंजीनियर शरद निगम की हत्या का हुआ खुलासा , आरोपी ने बड़ी शातिर तरीके से वारदात को दिया अंजाम

ठाकुरगंज के आजादनगर में एचसीएल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर शरद निगम की सुपारी देकर हत्या कराने का संदेह गहराता जा रहा है। वहीं वारदात स्थल के पास से मिले एक सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि शरद के पीछे एक दूसरी बाइक थी।

 

 

जिस पर दो बदमाश थे। एक पीछे बैठा था। वहीं जो करीब पहुंचते ही चलती बाइक पर खड़ा हो गया और शरद को निशाना बनाकर फायर कर दिया। गोली शरद के बाएं तरफ कंधे से सीने तक पहुंच गई। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस इस मामले में 11 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इसमें एक करीबी रिश्तेदारी की युवती भी शामिल है।

बतादें की ठाकुरगंज के कैंपबेल रोड पर बाइक सवार बदमाशों ने एचसीएल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर शरद निगम (32) की गोली मारकर हत्या कर दी। शरद ऑफिस से घर लौट रहे थे। बाइक सवार बदमाशों ने घर से चंद कदम पहले ही वारदात को अंजाम देकर फरार हुए। वहीं घायल बेटे को पिता लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे।

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खबरों के मुताबिक डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।प्रभारी निरीक्षक नीरज ओझा के मुताबिक, आजाद नगर के वंशी विहार कॉलोनी निवासी राजेश निगम के इकलौते बेटे शरद की घर से चंद कदम पहले मंगलवार देर रात करीब 11 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह सुल्तानपुर रोड स्थित एचसीएल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर तैनात था।

वहीं इस मामले में पुलिस का कहना हैं की जिन बदमाशों ने शरद को गोली मारी वह पेशेवर हत्यारे हैं। आशंका है कि शरद की हत्या के लिए किसी ने सुपारी दी है। बुधवार को इस संबंध में एक करीबी रिश्तेदारी की युवती सहित 11 लोगों से पूछताछ की गई। इसमें सामने आए तथ्यों के आधार पर पुलिस ने विवेचना आगे बढ़ा रही है।

ऐसा माना गया हैं की वारदात के तत्काल बाद मौके पर मो. फरीद पहुंचा था। उसकी पास में ही दुकान है। उसने राजेश निगम और उनके आठ साल पुराने किराएदार दिलीप त्रिपाठी को सूचना दी। जहां दोनों शरद को उसकी ही बाइक से ट्रॉमा सेंटर ले गए थे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बुधवार दोपहर करीब एक बजे शव को परिवारीजनों के सुपुर्द कर दिया गया। शरद के करीबी दोस्त निखिल श्रीवास्तव के मुताबिक, दो साल पहले ही उसे एचसीएल में नौकरी मिली थी।

दरअसल बुधवार देर शाम शरद की मां संगीता, बहन शिखा चंडीगढ़ से लौट आए। बेटे का शव देखते ही संगीता बेहोश हो गईं। किसी तरह उन्हें होश में लाया गया। देर रात बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार किया गया। परिवारीजनों का मानना हैं की शरद की बहन शिखा गर्भ से है।

उसकी देखभाल के लिए वह शनिवार को मां को छोड़ने चंडीगढ़ गया था। रविवार को वापस आया था। मोहल्ले वालों का कहना है कि शरद अच्छे स्वभाव का था। शरद के किराएदार दिलीप त्रिपाठी का कहना है कि शरद छुट्टी वाले दिन अधिकतर घर पर ही रहता था।

शरद वारदात के वक्त किसी युवती से बातचीत कर रहा था। पुलिस ने उसके मोबाइल में मिले उन नंबरों की डिटेल निकलवा रही है। जिन पर वह लगातार बातचीत करता था।

पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को उसने खाना बनाने वाली नौकरानी को कॉल कर देर से आने की बात कही थी। साथ ही बताया कि वह ऑफिस में मीटिंग होने के कारण खाना खाकर आएगा। शरद के घर में दो नौकरानी हैं। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने क्राइम ब्रांच सहित पांच टीमें लगा रखी है।

 

 

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