सेना में तैनात मुस्लिम जवान की मां की जान बचाने के लिए हिंदू युवक ने किया रक्तदान, दिखा भाईचारा

उत्तर प्रदेश में नूपुर शर्मा के कथित अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ माहौल गरमाया हुआ है। लेकिन इसी दौरान फर्रुखाबाद से सांप्रदायिक सौहार्द की एक अलग कहानी सामने आई है। मामला फर्रुखाबाद और कानपुर शहर से जुड़ा हुआ है जहां पर एक सेना के मुस्लिम जवान की मां को रक्तदान करने के लिए हिंदू युवक सामने आया है। सेना के मुस्लिम जवान की मां को पिछले कई महीनों में तीन बार खून की जरूरत पड़ी। इसी दौरान उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में 3 जून को हिंसा की घटना घटी और उसी हिंसा की घटना के बाद सांप्रदायिक सौहार्द की एक शानदार तस्वीर सामने निकल कर आई है। शहर के एक अस्पताल में डायलिसिस से गुजर रही एक मुस्लिम महिला को खून की जरूरत थी महिला ने सरकारी तंत्र में काफी जद्दोजहद की लेकिन उसको खून नहीं मिला। आखिरकार महिला ने 35 वर्षीय अभिमन्यु गुप्ता से संपर्क किया और उनसे रक्त देने की गुजारिश की सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करते हुए अभिमन्यु गुप्ता ने पहले की तरह ही अपना परिचय दिया। बीमार महिला को सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करते हुए तुरंत खून देकर एक नई मिसाल कायम की। इस मामले में अभिमन्यु ने स्वेच्छा से जाकर रक्तदान किया और सेना के जवान की मां के लिए अभिमन्यु गुप्ता अब लगातार उसके साथ खड़े रहने की बात पर आज भी कायम है।

फर्रुखाबाद जनपद की निवासी सहाना बेगम पिछले कई सालों से किडनी की बीमारी से पीड़ित थी। उनकी किडनी काम करना बंद कर दिए थी। बीमार महिला लगातार कानपुर के सेबिन एयर फोर्स हॉस्पिटल में इलाज कराते रहें इलाज के दौरान सहाना बेगम को डायलिसिस के दौरान कई बार खून की जरूरत पड़ी। कानपुर में उनके पति निसार अहमद खान ने कई लोगों से ख़ून की मांग करने खून नहीं मिला। आखिरकार खुदा के फरिश्ता के रूप में कानपुर निवासी अभिमन्यु गुप्ता उनके सामने आए और उनकी मदद के तौर पर अभिमन्यु गुप्ता ने बीमार महिला को पिछले कई महीनों में तीन बार रक्तदान किया। पिछले कई महीनों के बाद अचानक उत्तर प्रदेश में जिस तरह नूपुर शर्मा के कथित अपमानजनक टिप्पणी के बाद जिस तरह माहौल गरमाया। उसके बावजूद भी पिछले दिनांक 11 जून को महिला सहाना बेगम को फिर से एक बार रक्त की जरूरत पड़ी सांप्रदायिक सौहार्द की शानदार तस्वीर पेश करते हुए अभिमन्यु गुप्ता ने फिर से एक बार अस्पताल में जाकर बीमार महिला को एक यूनिट खून देकर सांप्रदायिक सद्भाव और सौहार्द की मिसाल कायम की। उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ आजकल जो तस्वीरें कानपुर प्रयागराज समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों से निकल कर आई हैं। उसके बाद यह मामला एक अलग ही कहानी बयां कर रहा है।

सहाना बेगम का एक बेटा अदनान खान इस समय श्रीनगर में सेना में तैनात है और देश की सेवा में लगा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सहाना बेगम का इलाज कराने के लिए उनके साथ उनके बुजुर्ग पति लगातार अपनी पत्नी के साथ लगे हुए। लेकिन खुदा का फरिश्ता बनकर अभिमन्यु गुप्ता सामने आये और बिना कुछ सोचे समझे सहाना बेगम की जान बचाने का फैसला करते हुए उर्सला अस्पताल कानपुर में कई बार ब्लड दे चुके हैं। सहाना बेगम का पिछले शनिवार को सेवन एयर फोर्स अस्पताल में डायलिसिस हुआ। जिस दौरान उनको खून की जरूरत पड़ी और अभिमन्यु ने खून देकर हिंदू मुस्लिम एकता की एक नई मिसाल पेश की है। अभिमन्यु कानपुर में सामाजिक रूप से काफी सक्रिय है वह सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं और वहां पर उनकी काफी लोकप्रियता भी है। रक्तदान के संबंध में अभिमन्यु ने कहा कि सेना की पृष्ठभूमि बाली एक माता को खून की जरूरत थी और उनके पास फोन आया और खून देने की गुजारिश की गई अभिमन्यु गुप्ता ने बिना झिझक एक मुस्लिम परिवार को खून देने के लिए तुरंत हां कर दी।

फर्रुखाबाद निवासी सहाना के परिवार वालों ने भी अभिमन्यु का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि जहां एक तरफ अराजकतावादी देश को सांप्रदायिकता और नफरत की राजनीति में जलाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ आज अभिमन्यु ने राष्ट्रीय एकता की मिसाल कायम की है देश के हिंदुओं और मुसलमानों को कोई अलग नहीं कर सकता। अभिमन्यु ने जो हमारे लिए किया है उसके लिए हम आभारी हैं। अभिमन्यु के इस कार्य के लिए बीमार पीड़ित महिला सहाना बेगम लगातार उसको अपना भाई अपना बेटा और अपने परिवार का सदस्य कह कर ही पुकार रही हैं। सहाना बेगम अभिमन्यु की तारीफ करते नहीं थक रही और कह रही हैं कि आज किसी हिंदू भाई बेटे का खून मेरी नसों में दौड़ रहा है और जिसकी वजह से आज मैं चल फिर पा रही हूं सहाना बेगम का परिवार लगातार अभिमन्यु की लंबी उम्र होने की दुआ कर रहा है और बुजुर्ग दंपत्ति अभिमन्यु के इस कार्य से बेहद ही खुश नजर आ रहे हैं। फिलहाल सहाना बेगम फर्रुखाबाद जनपद के मोहल्ला खैराती खा में निबास कर रही है अपने पति के साथ अकेले रह रही हैं सेना में तैनात उनका बेटा एक तरफ देश की रक्षा कर रहा है वहीं दूसरी तरफ अभिमन्यु गुप्ता जैसे लोग उनकी मां को खून देकर उनकी मां की रक्षा कर रहे हैं।

(इनपुट- दिलीप कटियार)

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