सुविचार: चाणक्य के ये 10 अनमोल कथन आपके बदल देंगे विचार, दैनिक जीवन में होगा सुधार

आचार्य चाणक्य बहुत गुणवान और विद्वान थे। वह शिक्षक होने के साथ ही एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। अपनी कुशलता को प्रबल करने के लिए चाणक्य ने पूरी निष्ठा से गहन अध्ययन किया था। चाणक्य ने अपने कौशल और बुद्धि के बल से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थीं। चाणक्य द्वारा बनाई गई उन सभी नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति शास्त्र में है। आज हम उन्हीं नीतियों में से कुछ नीतियां आपको बताने जा रहे हैं जिससे आपके विचारों में बदलाव होने के साथ ही आपके दैनिक जीवन में भी सुधार हो जाएगा। तो आइए जानते हैं उन 10 प्रभावी चणक्य नीतियों के बारे में-

  1. आलसी मनुष्य का न तो वतर्मान का पता होता है न भविष्य का ठिकाना।

2. किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शत्रु का साथ कभी नही लेना चाहिए वरना जीवन भर उसके आगे झुकना पड़ सकता है।

3. दुसरे व्यक्ति के धन का लालच करना नाश का कारण बनता है।

4. भाग्य भी उन्ही का साथ देता है जो कठिन से कठिन स्थितियों में भी अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहते है।

5. हमेशा खुश रहना दुश्मनों के दुखो का कारण बनता है और खुद का खुश रहना उनके लिए सबसे बड़ी सजा है।

6. विद्या ही निर्धन का धन होता है और यह ऐसा धन है जिसे कभी चुराया नही जा सकता है और इसे बाटने पर हमेसा बढ़ता ही है।

7. जो व्यक्ति श्रेष्ट होता है वो सबको ही अपने समान मानता है।

8. बुद्धिमान व्यक्ति यदि किसी मुर्ख व्यक्ति को समझाने का प्रयास कर रहा है इसका मतलब है वह खुद अपने लिए परेशानी बनने की तैयारी कर रहा है।

9. साप के फन में, मक्खी के मुख में, बिच्छु के डंक में ही जहर भरा होता है जबकि दुष्ट व्यक्ति के पूरे शरीर में औरो के लिए जहर भरा होता है।

10. अपने गहरे राज किसी से प्रकट नही करना चाहिए क्यूंकि वक्त आने पर हमारे यही राज वे दुसरे के सामने खोल सकते है।

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