BCCI चीफ अनुराग ठाकुर की कुर्सी खतरे में!

सुप्रीम कोर्टनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि ‘खुद सीधे हो जाएं, वरना कोर्ट को आदेश के ज़रिये सीधा करना पड़ेगा।’ प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा, बीसीसीआई खुद को कानून से ऊपर न समझे। उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना ही होगा।

दरअसल, बुधवार को जस्टिस आरएम लोढा पैनल ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि बीसीसीआई सुधार के लिए दी गई उसकी सिफारिशों को नहीं मान रहा है, इसलिए त्वरित रूप से इस पर सुनवाई होनी चाहिए। इस रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जाहिर करते हुए बीसीसीआई को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट की इस सख्‍ती के बाद अब बीसीसीआई चीफ अनुराग ठाकुर की कुर्सी भी खतरे में पड़ सकती है।

कोर्ट के खास निर्देश

पैनल ने यह भी कहा कि बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारियों, यानी टॉप बॉसेस को हटा दिया जाए और क्रिकेट प्रशासक नियुक्त किए जाएं, तथा सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई के आदेश के बाद बीसीसीआई के जो फैसले सिफारिशों के विपरीत लिए गए हों, उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।

रिपोर्ट में लोढ़ा कमेेटी ने बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को हटाने की मांग की है, जिसमें अनुराग ठाकुर भी शामिल हैं। उसके अनुसार नए क्रिकेट प्रशासक नियुक्त किए जाने चाहिए, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करें। मालूम हो कि 18 जुलाई के आदेश के बाद भी बीसीसीआई ने जो फैसले लिए, वो सिफारिशों के विपरीत थे। इसलिए अनुराग ठाकुर को तत्काल प्रभाव से निष्‍कासित कर दिया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा समिति के जस्‍टिस काटजू पैनल की रिपोर्ट पर भी आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और कमेटी के लिए अपमानजनक टिप्पणी करना भी अशोभनीय है। BCCI के सचिव की उपस्थिति में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ गलत कहना या करने पर भी सवाल उठाए।

कोर्ट ने BCCI को सभी मामलों पर फटकार लगाते हुए कहा कि यह वह अपने लिये आखिरी वार्निंग समझे। अगर इसके बाद भी कोई मामला सामने आता है तो कोर्ट जो कदम उठाएगा, वह ठीक नहीं होंगे। इसलिए बेहतर है कि BCCI अपनी हद में रहे।

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