सुपौल सीट से पप्पू यादव की पत्नी का पुराने दुश्मन से हो रहा मुकाबला

बिहार: सुपौल लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस और जेडीयू के बीच कांटे का मुकाबला है| कांग्रेस की प्रवक्ता रंजीत रंजन फिर से सुपौल में चुनावी मैदान में उतरी हैं तो वहीं जेडीयू से दिलेश्वर कमैत फिर से एक बार उन्हें चुनौती देते नजर आएंगे| इस बार यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी गठबंधनों के बीच में है|

बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी जनता पार्टी, जय हिन्द पार्टी, बिहार लोक निर्माण दल, वंचित समाज पार्टी, जम्मू एंड कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी, लोक सेवा दल,शिवसेना, आम जनता पार्टी राष्ट्रीय, जन अधिकार पार्टी, हिन्द साम्राज्य पार्टी जैसे दलों के साथ 7 निर्दलीय भी चुनाव मैदान में हैं|

सुपौल बिहार का एक हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट है| सुपौल सहरसा जिले से 14 मार्च 1991 को विभाजित होकर अलग जिले के रूप में अस्तित्व में आया| सहरसा फारबिसगंज रेलखंड पर स्थित है सुपौल|

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सांस्कृतिक रूप से यह काफी समृद्ध जिला है| नेपाल से करीब होने के कारण यह सामरिक रूप से भी काफी महत्त्वपूर्ण है| सुपौल से वर्तमान सांसद हैं कांग्रेस की प्रवक्ता रंजीत रंजन जो मधेपुरा से सांसद और जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव की पत्नी हैं|

क्षेत्रफल के आधार पर यह कोसी प्रमंडल का सबसे बड़ा जिला है| वीरपुर, त्रिवेणीगंज, निर्मली, सुपौल इसके अनुमंडल हैं| लोकगायिका शारदा सिन्हा एवं स्व. पंडित ललित नारायण मिश्र इसी इलाके से आते हैं| सुपौल प्राचीन काल में मिथिला राज्य का हिस्सा था| बाद में मगध तथा मुगल सम्राटों ने भी यहां राज किया| सुपौल को 1991 में जिला बनाया गया|

राजनीतिक पृष्ठभूमि-

परिसीमन के बाद 2008 में सुपौल लोकसभा सीट अलग से अस्तित्व में आई| 2009 के चुनाव में यहां से जेडीयू के विश्व मोहन कुमार सांसद बने| 2009 के चुनाव में रंजीत रंजन ने सुपौल सीट से अपनी किस्मत आजमाई थीं| लेकिन तब रंजीत रंजन जेडीयू के विश्व मोहन कुमार से डेढ लाख वोटों से हार गई थीं| लेकिन 2014 का चुनाव रंजीत रंजन ने कांग्रेस के टिकट पर सुपौल सीट से लड़ा| मोदी लहर के बावजूद इस बार रंजीत रंजन ने 60000 वोटों से जेडीयू के उम्मीदवार दिलेश्वर कमैत को हरा दिया और लोकसभा पहुंचीं|

इस सीट का समीकरण-

सुपौल उत्तर में नेपाल, दक्षिण में मधेपुरा, पश्चिम में मधुबनी और पूर्व में अररिया जिले से घिरा हुआ है| यह इलाका कोसी नदी के पानी से हर साल आने वाले बाढ़ से प्रभावित होता रहता है| इस इलाके में बाढ़ और रोजगार के लिए पलायन सबसे बड़ी समस्या है| इस संसदीय क्षेत्र में वोटरों की संख्या 1,279,549 है| जिसमें से 672,904 पुरुष वोटर और 606,645 महिला वोटर हैं|

विधानसभा सीटों का समीकरण-

सुपौल लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 5 सीटें आती हैं- निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज और छत्तापुर| 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 5 सीटों में 3 जेडीयू, 1 आरजेडी और एक सीट जीतने में बीजेपी कामयाब रही|

2014 चुनाव का जनादेश-

2014 के लोकसभा चुनाव में विजयी उम्मीदवार कांग्रेस की रंजीत रंजन को 332927 वोट हासिल हुए| नंबर दो पर रहे जेडीयू के दिलेश्वर कमैत जिन्हें 273255 वोट मिले| तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी के उम्मीदवार कामेश्वर चौपाल को 249693 वोट मिले|

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