सिक्किम की धड़कन है गंगटोक,एक बार जरुर घूम कर आइए !

सिक्किम।गंगटोक सिक्किम राज्य के सबसे खूबसूरत और बड़े राज्यों में से एक है। गंगटोक जितना खूबसूरत देखने में है उतने ही लाजवाब वहां पर खाने को मिलता है। जानिएं गंगटोक के बारे में वो खास बातें जो आपको अभी तक नहीं थी पता।यहां जाकर आप मोमोज़ खाना ना भूलें, क्‍योंकि यह यहां सबसे फेमस डिश है। यह बीफ, पोर्क और पकी हुई सब्जियों को आटे में लपेट कर भांप में पकाया जाता है और सूप के साथ परोसा जाता है।वा-वाई एक और लोकप्रिय भोजन है, जो नूडल्स से बनता है। गंगटोक में उपलबध नूडल से बने अन्‍य लोकप्रिय भोजनों में थुपका, चाउमिन, थनथुक, फकथू वानटन और ग्‍याथुक भी हैं।

सिक्किम राज्य में, लोकप्रिय शहरों सहित ज्यादातर शहरों के पास उचित ऐतिहासिक जानकारी की कमी है। और ऐसा ही है गंगटोक। शहर के इतिहास के बारे में ज्यादा कुछ ज्ञात नहीं है। हालांकि, पहले के रिकॉर्ड की तिथि जो  गंगटोक के अस्तित्व के बारे में बात करती है वो 1716 का साल है। उस साल हर्मिटिक गंगटोक मठ का निर्माण हुआ था। और जब तक शहर में प्रसिद्ध एंचेय मठ का निर्माण हुआ, गंगटोक काफी अनन्वेषित था। हालांकि, वर्ष  1894 में इस जगह को सिक्किम की राजधानी घोषित किये जाने के साथ इसका महत्व बढ़ना शुरू हुआ। गंगटोक में कुछ आपदायें और भूस्खलन देखे गये, जिनमें से एक सबसे बड़ा 1977 में हुआ था। उसमें करीब 38 लोग मारे गए और कई इमारतें नष्ट हो गयीं थीं। शहर ओग गंगटोक पहाड़ी के एक तरफ स्थितहै। भूगोल गंगटोक तस्वीरें, नामग्याल तिब्‍बतशास्‍त्र संस्थान – बुद्ध की प्रतिमा 1676 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, गंगटोक निचले हिमालय में पाया जाता है। शहर 27.33 ° उत्‍तर 88.62 ° पूर्व पर स्थित है और पहाड़ी के किनारे पर एक छोर पर राज्यपाल के निवास और अन्य पर एक  महल स्थित है। गंगटोक के पूर्व और पश्चिम की ओर क्रमशः रोरो चू और रानी खोला झरने बहते हैं।

ये धारायें रानीपुल से मिलती हैं जो आगे दक्षिण में बहती हैं। गंगटोक में, ढलानें भूस्खलन के प्रति संवेदनशील हैं, इसके साथ ही साथ से सिक्किम के अन्य भागों में प्रीकैम्ब्रियान चट्टानों में बेलबूटेदार फाईलाइट और सिस्‍ट होते हैं। और प्राकृतिक नदियों और मानवनिर्मित झरनों में जल  प्रवाह भुस्‍खलन के खतरे को बढ़ाते हैं। दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट कंचनजंगा गंगटोक के पश्चिमी ओर से देखी जा सकती है। शहर में जलवायु पर्यटक घूमने के लिये साल में कभी भी गंगटोक को चुन सकते हैं, क्‍योंकि यहां की जलवायु साल भर तक खुशनुमा रहती है। शहर में मानसून प्रभावित उपोष्णकटिबंधीय जलवायु है और गर्मी, सर्दी, मानसून, शरद ऋतु और वसंत  के मौसम वैसे ही हैं, जैसे अधिकांश अन्य शहरों में हैं। सर्दियों में यहां बहुत ठंड होती है 1990, 2004, 2005, और 2011 में इस जगह पर बर्फबारी भी हुई थी। मॉनसून और सर्दियों में मौसम कोहरे से भरा रहता है। संस्कृति जिसे गंगटोक में लोग मानते हैं

गंगटोक में प्रचलित संस्कृति खूबसूरत और अनूठी है। शहर लोकप्रिय हिन्‍दू त्‍योहार दीवाली, दशहरा, होली और क्रिसमस की तरह विभिन्न स्थानीय त्योहार भी मनाता है। गंगटोक में तिब्बतियों के लिए नववर्ष समारोह जनवरी और  फरवरी के आसपास होता है। उसे लोसर कहा जाता है और यह पारंपरिक ‘शैतान डांस’ के साथ मनाया जाता है। शहर में लेपचाओं और भूटिया के लिए नया साल जनवरी में शुरू होता है। गंगटोक में माघ संक्रान्ति और रामनवमी  भी दो महत्वपूर्ण नेपाली त्‍योहार हैं, जो धूम धाम से मनाये जाते हैं। कुछ अन्य उत्सव, जो गंगटोक में लोग मनाते हैं वो हैं दलाई लामा का जन्मदिन द्रुपका तेशी, छोटरुल ड्यूचेन, बुद्ध जयंती, लूसोंग, सागा दावा, लबाब ड्यूचेन  और भुमचू। गंगटोक जायें तो यह खायें अपने स्वाद की कलियों को यहां मोमोज़ खिलाना मत भूलें, क्‍योंकि यह यहां सबसे लोकप्रिय भोजन है। यह बीफ, पोर्क और पकी हुई सब्जियों को आटे में लपेट कर भांप में पकाया जाता है और सूप के साथ परोसा जाता है। वा-वाई एक और लोकप्रिय भोजन है, जो नूडल्स से बनता है। गंगटोक में उपलबध नूडल से बने अन्‍य लोकप्रिय भोजनों में थुपका, चाउमिन, थनथुक, फकथू वानटन और ग्‍याथुक शामिल हैं। इसके अलावा, सिक्किम पर्यटन विभाग दिसंबर के महीने में गंगटोक में हर साल एक वार्षिक खाद्य एवं संस्कृति उत्सव का आयोजन करता है। इस उत्सव में सिक्किम के बहु सांस्‍कृतिक व्‍यंजनों के स्‍टॉल लगाये जाते हैं, जहां  पारंपरिक ढंग से उन्‍हें सजाया जाता है. इस मौके पर दर्शकों के मनोरंजन के लिये संगीत एवं लोक नृत्य के प्रदर्शन किये जाते हैं। यह समारोह शहर में एमजी मार्ग पर टाइटैनिक पार्क में आयोजित किया जाता है। जनसंख्या संबंधी 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में गंगटोक की जनसंख्या 98,658 थी। इस जनसंख्‍या में 53% पुरुष और 47% महिला आबादी शामिल है।

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भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान नास्तिक भारतीय नेपाली गंगटोक में  जाकर बस गये और यह वे लोग हैं, जो शहर में बहुसंख्‍यक हैं। वहीं स्‍थानीय लेपचा और भूटिया संख्‍या में काफी कम हैं। और कई तिब्बति इस जगह से चले गये। गंगटोक की औसत साक्षरता दर 82.17% है, जो राष्ट्रीय औसत 74% की तुलना में अधिक है। गंगटोक में और उसके चारों ओर पर्यटन स्थल सिक्किम की राजधानी होने के नाते गंगटोक शहर में दिलचस्‍प और महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं: एंचेय मठ, नाथूला दर्रा, नामग्याल तिब्‍बतशास्‍त्र के संस्थान, ड्रल चोर्टन, गणेश टोक हनुमान टोक, सफेद दीवार, रिज गार्डन, हिमालय चिड़ियाघर पार्क, एमजी मार्ग और लाल बाज़ार और रुमटेक मठ। गंगटोक की यात्रा करने के लिये सबसे अच्‍छा समय यह जगह घूमने के लिये पूरे साल तक वातावरण अच्‍छा रहता है। कैसे पहुँचें गंगटोक तक आप गंगटोक वायु, रेल या सड़क मार्ग के माध्यम से गंतव्य तक पहुंच सकते हैं।

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