सावन के पवित्र महीने में करें भारत में स्थित इन शिव मंदिरों के दर्शन

कल यानि बुधवार से सावन का पवित्र महीने का शुभ आरंभ हो चुका है भगवान शिव को समर्पित इस महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. शास्त्रों की माने तो अन्य दिनों की अपेक्षा सावन के महीने में भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए शिव के भक्तों में हर जगह उत्साह देखने को मिल रहा है।और ऐसी मान्यता भी है कि सावन के महीने में महादेव की पूजा करने से कई गुना लाभ मिलता है।

सावन के पवित्र महीने में करें भारत में स्थित इन शिव मंदिरों के दर्शन

सावन का महीना शुरू होते ही भगवान शिव की आराधना भी शुरू हो गयी है। ये महीना महादेव का माना जाता है। इसलिए सावन के सोमवार को उनकी पूजा-अर्जना होती है। लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए सोमवार के व्रत भी रखती हैं। वैसे तो देवों के देव महादेव उनको याद कर लेने से ही खुश हो जाते हैं, लेकिन सावन में उन्हें भांग, दूध, धतूरा और बेलपत्र अर्पित किया जाता है। हम आपको भारत के उन पांच प्राचीन शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं।

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 केदारनाथ, उत्तराखंड

हिंदू धर्म के अनुनायियों के लिए केदारनाथ पवित्र स्थान माना जाता है। यहां स्थित केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिदूं धर्म के उत्तरांचल के चार धाम और पंच केदार में गिना जाता है। केदारनाथ का मंदिर साढ़े तीन हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई पर बना एक विशाल मंदिर है। यह मंदिर अप्रैल महीने से नवंबर तक खुला रहता है और सर्दियों में यहां भयंकर बर्फ पड़ती है। भक्तों का कहना है कि सावन के महीने में यहां दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

भीमाशंकर, महाराष्ट्र

भीमाशंकर मंदिर पुणे में भीमा नदी के पास स्थित है। यह भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर और तीर्थ स्थान है। यहां के शिवलिंग को ‘मोटेश्वर महादेव’ भी कहा जाता है और पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है। इस ऐतिहासिक मंदिर का शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिगों में से एक है और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश

काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। वाराणसी को काशी और बनारस भी कहा जाता है। यह मंदिर काशी में दशाश्वमेध घाट पर स्थित है और थोड़ी ही दूरी पर गंगा नदी बहती है। शिवभक्त पहले गंगा नदी में स्नान करते हैं, इसके बाद ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मंदिर में पहुंचते हैं।

ताराकेश्वर मंदिर, पश्चिम बंगाल

कोलकाता से 85 किलोमीटर दूर हुगली जिले में तारकेश्वर नाम का शहर है, जहां प्रसिद्ध तारकेश्वर मंदिर स्थित है। यह मंदिर तारकनाथ को समर्पित है, जो भगवान शिव का ही रूप है। यह मंदिर प्राचीन काल में जंगलों में मिला था। बंगाल में यह शिवजी का सबसे पॉपुलर मंदिर है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

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लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर 

भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर हिंदुओं के लिए पवित्र स्थान माना जाता है और यह सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की प्रत्येक शिला पर बेहतरीन कारीगरी का नमूना देखने को मिलेगा। इसकी ऊंचाई 180 फीट है। मंदिर के प्रांगण में गौरी, गणेश और कार्तिकेय के भी मंदिर मौजूद हैं।

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