सावन आज से प्रारंभ, भगवान भोले के लिए सज गये शिवालय

सावनदेवाधिदेव महादेव की आराधना का विशेष महीना सावन आज से शुरू हो गया है। शिवालयों में विशेष पूजा होगी। पुराणों के अनुसार सावन में भक्ति से शिवजी की आराधना करने वाले को भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। बेलपत्र और जलाभिषेक मात्र से ही शिव की अनुकंपा प्राप्त की जा सकती है।

बताते हैं कि सोमवार चंद्रमा का दिन है। भोलेनाथ ने चंद्रमा को अपने मस्तक यानी सिर पर धारण किया है। चंद्रमा मन के संकेतक हैं। ज्योतिषाचार्य डां. नवीन चंद्र जोशी कहते हैं शिव का चंद्रमा को धारण करना मन के नियंत्रण का प्रतीक है। चंद्रमा (सोमवार) की पूजा करना स्वत: ही भगवान शिव को प्राप्त हो जाती है। इसलिए श्रावण के सोमवार का विशेष महत्व है।

कहा जाता है कि शिवजी को प्रसन्न करने के लिए सावन माह में उनका विशेष पूजन करना चाहिए। इस पूजा-अर्चना के दौरान आपको उनसे मनचाहा वरदान पाने के लिए कुछ खास चीजों को अर्पण करना चाहिए।

सावन में रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊॅ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस एक उपाय से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

अगर घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करने के साथ ही गुग्गुल धूप जलाएं।

सावन में रोज नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।विवाह में आ रही अड़चन दूर करने के लिए सावन में रोज शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढ़ाएं। इससे विवाह के योग जल्दी बनते हैं।

सावन में गरीबों को भोजन कराने से आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और साथ ही पितरों को भी शांति मिलती है।

सावन में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निपट कर मंदिर जाएं और भगवान शिव का जल से अभिषेक करने के साथ ही काले तिल अर्पण करें। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें।  इससे मन को शांति मिलेगी।

सावन में किसी नदी या तालाब जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं और साथ ही साथ मन में भगवान शिव का ध्यान करते रहें। यह धन प्राप्ति का सबसे आसान उपाय है।

आमदनी बढ़ाने के लिए सावन के महीने में किसी भी दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथा विधि पूजन करें। इस दौरान इस मंत्र का 108 बार जाप करें –
ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं
प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं। बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें. अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें और इसे घर के पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन पूजा करें।

संतान प्राप्त‍ि के लिए सावन में किसी भी दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव का पूजन करें. इसके पश्चात गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं और प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से 11 बार जलाभिषेक करें।
इस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें. यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें. गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।

सावन में किसी सोमवार को पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करने से बीमारियां दूर होती हैं। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी भी धातु का उपयोग किया जा सकता है।
इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें और प्रत्येक सोमवार को रात में सवा नौ बजे के बाद गाय के सवा पाव कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने का संकल्प लें।

 

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