सागरमाला परियोजना पर खर्च होंगे 8 लाख करोड़ रुपए

सागरमाला परियोजनानई दिल्ली। सागरमाला परियोजना के तहत सरकार ने 415 विकास परियोजनाओं की पहचान की है, जिनकी कुल लागत 8 लाख करोड़ रुपये हैं। समुद्री परिवहन राज्यमंत्री मनसुख लाक मंडाविया ने बुधवार को यह जानकारी दी। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि साल 2015 और साल 2035 के बीच 20 साल की अवधि में इन परियोजनाओं को विभिन्न चरणों में लागू किया जाएगा।

सागरमाला कार्यक्रम का उद्देश्य मौजूदा बंदरगाहों का आधुनिकीकरण, नए बंदरगाहों का विकास और बंदरगाहों के बीच कनेक्टिविटी में बढ़ोतरी करना है, ताकि बंदगाह के नेतृत्व में विकास हो सके।

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मंडाविया ने कहा, “परियोजना की अनुमोदित क्रियान्वयन योजना के अनुसार, इन परियोजनाओं को केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों/समुद्री बोर्डो और एसपीवी (विशेष प्रयोजन वाहन) द्वारा अधिग्रहण किया जाएगा और जहां तक संभव हो संभवत: निजी क्षेत्र और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से पूरा किया जाएगा।”

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उन्होंने बताया कि 415 परियोजनाओं में से 189 का लक्ष्य बंदरगाहों का आधुनिकीकरण (लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित लागत) है, कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 170 परियोजनाएं हैं (2.3 लाख करोड़ रुपये की लागत), पोर्ट-लिंक्ड औद्योगिकीकरण के लिए 33 (लागत 4.2 लाख करोड़ रुपये) और तटीय सामुदायिक विकास (4,000 करोड़ रुपये) के लिए 23 परियोजनाएं हैं।

मंत्री ने कहा, “सागरमाला के तहत 415 परियोजनाओं में 199 मुख्य परियोजनाओं पर काम साल 2016 से 2019 के बीच पूरा हो जाएगा।”

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