सांसदों ने फिर की वेतन बढ़ाने की मांग

सांसदोंनई दिल्ली | राज्यसभा के सदस्यों ने मंगलवार को फिर मांग की कि सांसदों के वेतन वृद्धि से जुड़ी संयुक्त संसदीय कमेटी की रिपोर्ट की संस्तुतियों को जल्द लागू किया जाए। इस मुद्दे को समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल ने उठाया। उन्होंने जानना चाहा कि सरकार संसदीय समिति की रिपोर्ट को क्यों नहीं सदन के पटल पर रख रही है। भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सांसदों का वेतन बढ़ाने की संस्तुति की है।

अग्रवाल ने आश्चर्य जताते हुए कहा, “मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन संस्तुतियों की समीक्षा के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। सरकार रिपार्ट सदन में क्यों नहीं पेश कर रही है?” उन्होंने कहा, संसद सदस्य को कैबिनेट सचिव से एक हजार रुपये अधिक वेतन मिलना चाहिए। कैबिनेट सचिव को सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू हो जाने के बाद कैबिनेट सचिव को 2.5 लाख रुपये मिलते हैं।

यह भी पढ़ें : लखनऊ में धार्मिक दंगा भड़काने की कोशिश नाकाम

वेतन बढ़ाने के लिए कानून बनाने की मांग 

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी और कई अन्य सांसदों ने भी किया। सदन के उपसभापति पी. जे. कुरियन ने कहा, “मैं आश्वस्त नहीं हूं कि सारे सदस्य इससे सहमत हैं।” उन्होंने कहा कि यह सरकार पर निर्भर है कि वह रिपोर्ट सदन में रखे या वेतन बढ़ाने के लिए एक कानून बनाए।

लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की एक संयुक्त समिति ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें कहा गया है कि सांसदों का वेतन 50 हजार रुपये से बढ़ाकर प्रति माह एक लाख रुपये किया जाना चाहिए। संसदीय क्षेत्र भत्ता 45 हजार रुपये से 90 हजार और सचिवालयीय सहायक एवं कार्यालय भत्ता 45 हजार रुपये से 90 हजार रुपये किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें : सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के साथ घटना दोहराई, तीन गिरफ्तार

समिति की यह संस्तुति अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। समिति ने कहा है कि पेंशन में 75 फीसदी बढ़ोतरी और सांसदों का वेतन बढ़ाने के लिए स्वत: व्यवस्था होनी चाहिए।

LIVE TV