सहकारी बैंकों में 500 करोड़ की नगदी फंसी, मचा कोहराम

सहकारी बैंकोंदेहरादून। 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को लेने और बदलने पर रोक से सहकारी बैंकों में कोहराम मच गया। जिला सहकारी बैंक, प्रारंभिक ऋण समितियों (पैक्स) में जमा करीब पांच सौ करोड़ रुपये की नगदी संकट में है। सबसे ज्यादा खलबली देहरादून, ऊधमसिंहनगर हरिद्वार और नैनीताल में है।

इन जिलों की पैक्स में ही सबसे ज्यादा पैसा रुका है। मंगलवार को सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से सहकारी बैंकों के लिए उनके अपने खाता धारकों और पैक्स के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा करने की छूट मांगी है। सहकारिता सचिव विजय कुमार ढौंडियाल ने इसकी पुष्टि की।

राज्य में सहकारी बैंकों का कारोबार आठ हजार करोड़ रुपये के करीब है। इसमें तीन हजार करोड़ किसानों को लोन के रूप में दिए गए हैं। जबकि पांच हजार करोड़ विभिन्न डिपोजिट की शक्ल में है। इसका छह से 10 फीसदी रुपया नगदी के रूप में और 500 व 1000 के नोट के रूप में ही है।

यह पूरा कारोबार राज्य के 10 जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) और 750 पैक्स के जरिए चल रहा है। एक अनुमान के अनुसार इन पैक्स में इस वक्त 100 से 150 करोड़ रुपया जमा हो सकता है। इनमें ज्यादा संख्या 500 और 1000 के नोट ही है।

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