अभी-अभी : सरकारी फैसले पर भारी पड़ गया सुप्रीम कोर्ट का ये दांव, एक फैसले से शराब कारोबारी और लोगों की…

सर्वोच्च न्यायालयनई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार की शराब कंपनियों को सोमवार को राहत देते हुए अपने फैसले में शराब के मौजूदा स्टॉक को 31 जुलाई तक राज्य के बाहर निस्तारण करने की अनुमति प्रदान की। शराब कंपनियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जब न्यायालय से कहा कि कंपनियों को अपने स्टॉक के निस्तारण के लिए और समय की जरूरत है, तो न्यायमूर्ति ए.के.सीकरी तथा न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाश पीठ ने शराब कंपनियों को मौजूदा स्टॉक को 31 जुलाई तक राज्य के बाहर निस्तारण करने की अनुमति प्रदान की।

इससे पहले इस संदर्भ में 31 मार्च को दो माह की मोहलत दी गई थी, जो 31 मई को खत्म होनेवाली थी।

शराब कंपनियों ने 24 मई को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर बिहार के गोदामों में पड़े 200 करोड़ रुपये के स्टॉक को नष्ट करने की मोहलत मांगी थी।

बिहार सरकार के वकील ने हालांकि याचिका का विरोध किया और आरोप लगाया कि राज्य में शराब का अवैध व्यापार हो रहा है, जिसकी वजह से कानून-व्यवस्था से संबंधित समस्याएं पेश आ रही हैं।

सरकार की याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि एक बार जब शराब का स्टॉक खत्म हो जाएगा, तो अवैध व्यापार नहीं होगा।

बिहार सरकार के वकील ने न्यायालय से अनुरोध किया कि 31 जुलाई के बाद शराब कंपनियों को और मोहलत न दी जाए।

नीतीश कुमार की शराब बंदी योजना के मद्देनजर, सर्वोच्च न्यायालय ने 31 मार्च को शराब कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे बिहार स्टेट विवरेज कॉरपोरेशन के गोदामों में पड़े अपने बचे स्टॉक का 31 मई तक निर्यात कर उसे खत्म करें।

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